Ujjain News: उज्जैन संभाग में बूंदाबांदी से किसानों के चेहरे खिल गए हैं. किसानों का मानना है कि बूंदाबांदी से रबी की फसल में काफी लाभ पहुंचेगा और कुछ दिनों तक सर्द रातों में सिंचाई से भी राहत मिलने वाली है. रबी की फसल के लिए वर्तमान समय में पानी बेहद आवश्यक माना जाता है. शाजापुर, आगर, मंदसौर, रतलाम, नीमच जिलों के गांव में बूंदाबांदी हो रही है. जीवाजीराव वेधशाला के अधीक्षक डॉ राजेंद्र गुप्त ने बताया कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने की वजह से मावठा गिर रहा है.


संभाग में बूंदाबांदी से किसानों को राहत


संभाग के ज्यादातर क्षेत्रों में मावठे की वजह से मौसम ठंडा हो गया है. डॉक्टर गुप्त के अनुसार आगे भी बूंदाबांदी होने के आसार हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में मावठा नहीं गिरने की वजह से किसानों की मुश्किलें बढ़ जातीं. सर्द रातों में खेत की सिंचाई करना काफी कठिन हो जाता. मावठे की वजह से किसानों को थोड़ी राहत मिल गई है.


सिंचाई के लिए दिन में बिजली की मांग 


गौरतलब है कि मध्य प्रदेश पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड ने किसानों को रात में अधिक समय तक बिजली दिए जाने का शेड्यूल बनाया है. दिन के समय 3 से 4 घंटे ही बिजली किसानों को दी जा रही है. ऐसी स्थिति में किसान सिंचाई के लिए दिन के समय अधिक बिजली दिए जाने की मांग उठा रहे हैं. फिलहाल, मावठे की वजह से किसानों को सिंचाई की चिंता थोड़ी कम हुई है. हालांकि, किसानों की अभी भी सुबह 6 से शाम 6 बजे के बीच दिन में ज्यादा समय तक बिजली की मांग बरकरार है. उज्जैन संभाग में ज्यादातर किसानों ने गेहूं और चने के फसल की बुआई की है. इसके अलावा, आलू, लहसुन, प्याज की खेती भी किसान कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि सभी प्रकार की खेती में मावठे से लाभ पहुंचेगा.


India-China Talks: क्या अब खुलेगा तनाव का ताला? LAC विवाद सुलझाने के लिए 14वीं बार मिले भारत-चीन


UP Election 2022: क्या यूपी में बीजेपी की नैय्या पार लगाएंगे निषाद ? जानिए निषादों की क्या है मांग