Surya Grahan 2022: बीमारियां बढ़ा सकता है सूर्य ग्रहण, इन बीमारियों पर हो सकता है असर, इस तरह बरतें सावधानी
Solar Eclipse 2022: उज्जैन के ज्योतिषी पंडित अमर डिब्बावाला के मुताबिक सूर्य ग्रहण को कभी भी शुभ नहीं माना गया. सूर्य ग्रहण के दौरान एक जगह बैठ कर पूजा-अर्चना और मंत्रों का जाप करना चाहिए.
Solar Eclipse 2022: देश में आज साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लगेगा. भारत में यह आंशिक ही नजर आएगा. ज्योतिषियों का कहना है कि यह सूर्य ग्रहण बीमारियां बढ़ाने वाला हो सकता है. इसलिए आने वाला समय लोगों के लिए सावधानी से भरा हो सकता है. इस दौरान आम लोगों को अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखने की बेहद जरूरत है. भारत में सूर्यग्रहण शाम चार बजकर 22 मिनट से शुरू होगा. इसका समापन सूर्यास्त के समय छह बजकर 32 मिनट पर होगा.
क्या कहना है ज्योतिषियों का
महाकाल की नगरी उज्जैन के प्रमुख ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डिब्बावाला ने बताया कि सूर्य ग्रहण को कभी भी शुभ नहीं माना गया है. यही वजह है कि सूर्य ग्रहण के दौरान एक स्थान पर बैठ कर पूजा-अर्चना और मंत्रों का जाप करना चाहिए. उन्होंने बताया कि इस बार सूर्य ग्रहण पर 26 फीसदी असर देखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसी मान से वर्तमान में प्रचलित बीमारियों में भी आंशिक बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. उन्होंने कहा कि यह बढ़ोतरी 26 फीसदी तक हो सकती है.
अमर डिब्बावाला ने बताया कि वर्तमान में कोरोना, मलेरिया, डेंगू आदि बीमारी से लोगों को बचाने की आवश्यकता है. इसके लिए आवश्यक सावधानी भी रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि लोगों को सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का भी विशेष रूप से पालन करना चाहिए. पंडित अमर डिब्बावाला के मुताबिक मालवांचल में 4:41 पर सूर्य ग्रहण स्पर्श होगा, जबकि सम्मिलन 5:38 पर होगा. इसके अलावा 5:54 पर मोक्ष होगा. इस समय के दौरान विशेष रुप से सावधानी बरतने की आवश्यकता है. इन्हीं सावधानियों के जरिए बीमारियों से बचा जा सकता है. पंडित डिब्बावाला के मुताबिक सूर्य ग्रहण का कुछ राशियों पर अनुकूल प्रभाव रहने वाला है. हालांकि सभी राशियों के जातक को सावधानी बरतने की जरूरत है.
गायत्री मंत्र करें जाप
सूर्य ग्रहण के दौरान पवित्र धार्मिक ग्रंथों या माला का स्पर्श करना वर्जित है. इस दौरान एक स्थान पर बैठकर नवग्रह, गायत्री मंत्र, विष्णु मंत्र, महालक्ष्मी मंत्र का जाप किया जा सकता है. सूर्य ग्रहण के दौरान किसी भी वस्तु को ग्रहण करना भी वर्जित माना गया है. सूर्य ग्रहण के बाद स्नान कर मूर्ति स्पर्श और भगवान की पूजा-अर्चना की जा सकती है.
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