उज्जैन: मध्य प्रदेश में चाइनीस मांझा पर लगे प्रतिबंध की वजह से हजारों की संख्या में लोगों को अस्थायी रूप से रोजगार मिल गया है.यह खबर और आंकड़ा दोनों ही चौंकाने वाला है.हालांकि इस प्रतिबंध की वजह से कई व्यापारियों का लाखों रुपए का नुकसान भी हुआ है.सरकार ने चीनी मांझे के भंडारण और खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी है. पुलिस उन लोगों पर कार्रवाई भी कर रही है, जो इसकी खरीद-फरोख्त में शामिल हैं. इसी वजह से लोग अब स्थानीय स्तर पर मांझा बनाने में लग गए हैं.
कहां-कहां सूता जा रहा है मांझा
चाइनीज मांझे के नाम से विख्यात नायलॉन की डोर का इस्तेमाल पतंगबाजी के लिए किया जाता रहा है.इसकी वजह से कई लोगों की जान भी जा चुकी है जबकि कई लोग अस्पताल पहुंच चुके हैं.उज्जैन, इंदौर, देवास, रतलाम, मंदसौर, नीमच, शाजापुर सहित मध्य प्रदेश के सभी जिलों में चाइनीज मांझे पर रोक लगा दी गई है. चाइनीज मांझे पर रोक लगने की वजह से अब पूर्व में परंपरागत रूप से मांझा सूतने का काम शुरू हो गया है.मांझा तैयार करने के लिए कई नई दुकानें भी खुल गई हैं. जिन पर बड़े-बड़े चक्रों के माध्यम से मांझे को तैयार किया जा रहा है.
धार्मिक नगरी उज्जैन में ही 300 से ज्यादा नई दुकानें लग चुकी हैं. इसके अलावा यदि पूरे जिले की बात की जाए तो यह आंकड़ा 500 से अधिक है.इस प्रकार देवास, इंदौर सहित दूसरे जिलों में भी बड़ी संख्या में लोगों ने मांझा सूतने की दुकान खोल ली हैं.इसी के चलते लोगों को अस्थायी रूप से रोजगार भी मिल गया है.
ऐसे तैयार किया जाता है मांझा
वैसे तो बाजार में चाइनीज मांझा के अलावा बरेली का मांझा बड़ी मात्रा में बिक्री के लिए तैयार है.इसके अलावा मांझे को तैयार करने के लिए अलग-अलग प्रकार से घोल बनाया जाता है.इस घोल में मांझे को निकालकर उसे धूप में सुखाया जाता है.मांझे को तैयार करने के लिए सरस,साबूदाना,कांच आदि का उपयोग किया जाता है.