उज्जैन: NSUI ने विक्रम विश्वविद्यालय का किया घेराव, छात्रवृत्ति और परीक्षा से जुड़ी रखी ये दो मांगें
Ujjain News: उज्जैन में सोमवार को एनएसयूआई ने अपनी मांगों को लेकर विक्रम विश्वविद्यालय का घेराव किया है. एनएसयूआई के नेताओं ने विश्वविद्यालय के समक्ष दो महत्वपूर्ण मांगे रखी है.
Ujjain News: उज्जैन में सोमवार को एनएसयूआई ने विक्रम विश्वविद्यालय का घेराव किया है. इस दौरान जमकर हंगामा हुआ. एनएसयूआई के नेताओं ने विश्वविद्यालय के समक्ष छात्रवृत्ति और परीक्षा से जुड़ी दो महत्वपूर्ण मांग रखी है. मांगे पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन करने का अल्टीमेटम भी दिया गया है.
विक्रम विश्वविद्यालय का किया घेराव
सोमवार को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मंजूल त्रिपाठी के नेतृत्व में उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय का घेराव किया गया है. विद्यार्थियों को विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में घुसने से रोकने के लिए मुख्य द्वार पर ताले लगा दिए गए थे. विद्यार्थियों ने 12 फीट ऊंचे गेट पर चढ़कर परिसर में प्रवेश कर लिया. इसके बाद विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में जमकर नारेबाजी हुई. एनएसयूआई के छात्र नेताओं ने विक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए.
एनएसयूआई नेता अंबर माथुर ने लगाए ये आरोप
एनएसयूआई नेता अंबर माथुर ने बताया कि विक्रम विश्वविद्यालय के ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों को काफी समय से छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है. इसके अलावा एससी वर्ग के कुछ विद्यार्थी भी छात्रवृत्ति संबंधी परेशानियों से जूझ रहे हैं. इसे लेकर कई बार विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अखिलेश कुमार पांडेय का ध्यान आकर्षित किया गया. लेकिन अभी तक समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है. जिसके कारण विद्यार्थियों के सामने सतत परेशानियां बनी हुई है.
इसके अतिरिक्त कोविड के कारण जो विद्यार्थी परीक्षा नहीं दे पाए हैं उनकी परीक्षा लेने के संबंध में भी कोई आदेश जारी नहीं हुआ है. इन दो मांगों को लेकर विश्वविद्यालय का घेराव किया गया. इसके बाद डॉ. अखिलेश कुमार पांडेय और रजिस्ट्रार प्रशांत पुराणिक को ज्ञापन दिया गया.
कोरोना की वजह से विद्यार्थियों का साल बर्बाद नहीं होगा
कुलपति डॉ अखिलेश कुमार पांडेय ने बताया कि जो विद्यार्थी कोरोना की वजह से परीक्षा नहीं दे पाए हैं, उन्हें परीक्षा का अवसर दिया जाएगा. विश्वविद्यालय ऐसे विद्यार्थियों का भविष्य खराब नहीं होने देगा. इस प्रकार की घोषणा पूर्व में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव भी कर चुके हैं. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि कोरोना की वजह से विद्यार्थियों का साल बर्बाद नहीं होगा.
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