Ujjain Panchkroshi Yatra 2024: धार्मिक नगरी उज्जैन में निश्चित तारीख से 1 दिन पहले पंचक्रोशी यात्रा शुरू हो गई. जिला प्रशासन ने भी पंचकोशी यात्रियों को लेकर 2 दिन पहले से ही इंतजाम कर दिए थे. 120 किलोमीटर लंबी धार्मिक यात्रा 5 दिनों तक चलेगी इसका समापन भी उज्जैन में ही होगा.
ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डब्बावाला के मुताबिक उज्जैन में पंचक्रोशी यात्रा का काफी महत्व है. पंचकोशी यात्रा के दौरान पांच पड़ाव आते हैं. 120 किलोमीटर लंबी यात्रा में प्रत्येक पड़ाव पर महादेव विराजित है, जिनके दर्शन करने से अलग-अलग फल की प्राप्ति होती है.
जिला प्रशासन ने पहले से ही किए थे इंतजाम
प्राचीन काल से ही पंचक्रोशी यात्रा चली आ रही है. उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि पंचक्रोशी यात्रा 3 में से औपचारिक रूप से शुरू होना थी मगर 2 में से ही श्रद्धालुओं का आवागमन शुरू हो गया, जिसके चलते जिला प्रशासन ने पहले से ही इंतजाम किए थे. पंचक्रोशी यात्रियों के लिए पेयजल, स्वास्थ्य सेवाएं आदि उपलब्ध कराई जा रही है.
सिर पर बोझा लिए हजारों श्रद्धालु चलते हैं पैदल
पंचक्रोशी यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालु अपने घरों से ही भोजन और जरूरी सामान लेकर आते हैं. इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं का सभी स्थानों पर स्वागत किया जाता है. उज्जैन के लोगों द्वारा भी भोजन, स्वल्पाहार आदि की व्यवस्था की जाती है. इस यात्रा में बड़ी संख्या में ग्रामीण श्रद्धालु शामिल होते हैं. कई श्रद्धालु नंगे पैर ही पूरी यात्रा को करते हैं.
1 दिन में 20 से 25 किलोमीटर पैदल चलते हैं श्रद्धालु
पंचक्रोशी यात्रा की शुरुआत उज्जैन के नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर से होती है. यहां पर श्रद्धालुओं द्वारा नारियल चढ़ाकर यात्रा को शुरू किया जाता है. हाटपिपलिया से यात्रा करने आए अक्षय सिंह ने बताया कि वह पिछले दो सालों से यात्रा कर रहे हैं. इस दौरान यात्री प्रतिदिन 20 से 25 किलोमीटर रोज पैदल चलते हैं. यात्रा में शामिल श्रद्धालु सुबह और शाम के समय पैदल चलते हैं, दोपहर में गर्मी अधिक होने की वजह से विश्राम करते हैं.
ये भी पढ़ें: मौसम की मार! जबलपुर में आम के शौकीनों को ढीली करनी पड़ेगी जेब, उत्पादन घटने से कीमतें बढ़ीं