Mahakal Mandir: उज्जैन (Ujjain) के महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Mandir) में रुपए लेकर भस्म आरती (Bhasm Aarti) की फर्जी अनुमति बनाई जा रही थी. इस मामले में महाकाल (Mahakal) थाना पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों में महाकाल मंदिर के कर्मचारी और  घाट के पंडित भी शामिल हैं. दिल्ली के उत्तम नगर में रहने वाले दिशांत गोरा, नितेश भारद्वाज समेत तीन लोगों ने महाकाल मंदिर समिति के अधिकारियों को शिकायत करते हुए बताया था कि वे कालसर्प दोष का पूजन करने के लिए उज्जैन आए थे. राम घाट पर पूजन के दौरान उनकी दो पंडितों से मुलाकात हुई. उन्होंने भस्म आरती में प्रवेश दिलाने के नाम पर विपीन नामक एक युवक का नंबर दिया, जिसने 1500 रुपए प्रति श्रद्धालु के हिसाब से अनुमति बनाने की बात कही. उन्होंने तीनों के 4500 रुपये देकर अनुमति बनवा ली.


जब 16 अप्रैल की सुबह वे भस्म आरती में पहुंचे तो पता चला कि अनुमति फर्जी है. इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई. इस मामले में महाकाल थाना पुलिस ने मंदिर के कर्मचारी प्रेम नारायण की शिकायत पर धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया. मामले में सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. एडिशनल एसपी अभिषेक आनंद ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ के दौरान चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. 


 5 महीने से बनाई जा रही थी फर्जी अनुमति
इस मामले में महाकालेश्वर मंदिर समिति के कर्मचारी पवन कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह पांच महीने से फर्जी अनुमति बना रहे थे. इसके लिए लोगों से 1000 से लेकर 1500 रुपये तक की राशि वसूली जा रही थी. एडिशनल एसपी अभिषेक आनंद ने बताया कि इस मामले में यदि और भी कोई लिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.


ऐसे काम कर रहा था पूरा गिरोह
महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा भस्म आरती में दर्शन के लिए एक प्रक्रिया बनाई गई है जिसके तहत श्रद्धालुओं को अनुमति के लिए आवेदन देना होता है. इसके बाद अनुमति जारी की जाती है. यह अनुमति पवन कुमार द्वारा बनाई जाती थी. इसी का लाभ उठाकर पवन कुमार ने मंदिर के कुछ और कर्मचारियों के साथ मिलकर पूरा गिरोह तैयार कर लिया. पवन कुमार पुरानी प्रवेश पर्ची के आधार पर फर्जी पर्ची बना लेता था जिसे विपिन को दे देता था. विपिन के माध्यम से वह श्रद्धालुओं तक पहुंच जाती थी. रात में आरती में प्रवेश के दौरान विपीन ही पर्ची चेक करता था. इस मामले में दो अन्य सुरक्षाकर्मी भी गिरफ्तार हुए हैं. सुरक्षाकर्मियों की जवाबदेही भी पर्ची को चेक करने की होती थी लेकिन वह भी मिले हुए थे. 


कालसर्प दोष की पूजा कराने वाले पंडित भी फंसे
महाकालेश्वर मंदिर के आसपास कालसर्प दोष की पूजा कराने वाले दो पंडितों को भी पुलिस ने इसी मामले में गिरफ्तार किया है. इन पंडितों के माध्यम से भी श्रद्धालुओं को फंसाकर उनसे ठगी की जाती थी. पुलिस सभी सात आरोपियों से पूछताछ कर रही है. उम्मीद की जा रही है कि और पीड़ित सामने आ सकते हैं. महाकाल थाना पुलिस ने पहले दो आरोपियों के खिलाफ धारा 420 के तहत केस दर्ज किया था लेकिन जब पूरे गिरोह का पता चला तो पुलिस ने इस मामले में धाराएं बढ़ा दी हैं. आरोपियों के खिलाफ धारा 120बी, 467, 468, 420 और 34 के तहत केस दर्ज किया गया है. इस मामले में अभी आरोपी दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें आजीवन कारावास की सजा तक हो सकती है.


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