Ujjain Crime News: उज्जैन (Ujjain) की नीलगंगा थाना पुलिस ने नकली नोट (Fake Note) के मामले में तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है. इनसे दो लाख से से ज्यादा के नकली नोट बरामद किए गए हैं. आरोपी का गिरोह उज्जैन ही नहीं बल्कि इंदौर (Indore) सहित आसपास के जिलों में भी सक्रिय था. सबसे बड़ी बात यह है कि 500 रुपये के नकली नोट 200 रुपये में बेचे जा रहे थे.
नीलगंगा थाना प्रभारी विवेक कनोडिया ने बताया कि इंदौर के अन्नपूर्णा थाना पुलिस ने उज्जैन के रहने वाले हिमांशु बोरासी को नकली नोट के मामले में गिरफ्तार किया था. हिमांशु उज्जैन के नीलगंगा थाना क्षेत्र का निवासी था. इस बात की सूचना जब पुलिस को मिली तो उसके साथी और सहयोगियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की. इसी बीच लोकेश वर्मा को पकड़ा गया.
आरोपियों से मिले 2000 हजार, 500 के नोट
आरोपी लोकेश भी गधा पुलिया क्षेत्र का रहने वाला था. उसकी निशानदेही पर 205500 के नकली नोट बरामद किए गए. इनमें 2000 और 500 के नोट शामिल थे. पुलिस ने लोकेश की निशानदेही पर सुरेश और प्रहलाद को भी गिरफ्तार किया. सभी आरोपियों से कड़ी पूछताछ की जा रही है.
नकली नोट चलाने पर मिलता था 40% कमिशन
आरोपी लोकेशन बताया कि वह 25000 रुपये से ज्यादा के नकली नोट बाजार में चला चुका है. वह अपने साथियों के साथ मिलकर बाजार में नकली नोट चलाता था. यह गोरख धंधा सभी आरोपी पिछले डेढ़ महीने से कर रहे थे. आरोपियों को नकली नोट चलाने के एवज में 40% का कमीशन मिलता था, यानी 500 के नोट पर उन्हें 200 मिलता था.
2000 के नोट बंद होने से हुआ नुकसान
इस गिरोह के पास से 2000 के लगभग 100 नोट बरामद हुए हैं. आरोपी लोकेशन बताया कि वह हिमांशु से नोट हासिल करता था. पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि हिमांशु के तार इंदौर के राजेश नामक बदमाश से जुड़े थे, जिसके खिलाफ इंदौर देवास में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि 2000 के नोट बंद हो जाने से उन्हें नुकसान उठाना पड़ा था.
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