Ujjain Rape Case: उज्जैन में सतना की छात्रा के साथ हुए रेप के मामले में बार एसोसिएशन आरोपी का पक्ष अदालत में रखने से इंकार कर दिया है. अब उज्जैन का कोई भी वकील आरोपी का केस नहीं लड़ेगा. ऐसे मामलों में न्यायालय की ओर से आरोपी पक्ष को वकील मुहैया कराया जाता है. शायद इस मामले में भी ऐसा ही कुछ होगा.


दरअसल सतना की रहने वाली कक्षा आठवीं की छात्रा के साथ उज्जैन के महाकाल थाना इलाके में रेप का मामला सामने आया था. इस प्रकरण में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ऑटो चालक भरत सोनी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी भरत सोनी का इंदौर में इलाज चल रहा है. आरोपी ने पुलिस हिरासत में भागने की कोशिश की थी. इस दौरान वह गिरकर गंभीर रूप से जख्मी हो गया. दूसरी तरफ बच्ची की हालत में भी पूरी तरह सुधार है. 


उज्जैन बार एसोसिएशन के सचिव एडवोकेट प्रकाश चौबे के मुताबिक सभी वकीलों ने एकजुट होकर फैसला लिया है कि आरोपी के केस की कोई भी पर भी नहीं लड़ेगा. वरिष्ठ अभिभाषक किशोर सिंह भदोरिया के मुताबिक जब किसी मामले में वकीलों द्वारा केस नहीं लड़ने का सामूहिक फैसला लिया जाता है तो ऐसी स्थिति में न्यायालय आरोपी पक्ष की ओर से वकील अप्वॉइंट करती है. विधिक सहायता की ओर से वकील आरोपी पक्ष को अदालत के सामने रखता है. यह न्यायालयीन प्रक्रिया है. आरोपी को भी अपना पक्ष रखने का पूरा अधिकार है.


आजीवन कारावास या फांसी की सजा
एडवोकेट किशोर सिंह भदोरिया के मुताबिक रेप और पॉक्सो एक्ट के मामले में दोष सिद्ध हो जाने पर आजीवन कारावास या फांसी की सजा का प्रावधान है. इस गंभीर मामले में सजा होने पर माफी का भी कोई प्रावधान नहीं है. कानून के जानकार बताते हैं कि रेप के मामले में लगातार हो रहे संशोधन के बाद सजा काफी सख्त हो गई है.


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