RAPE CASE: आमतौर पर रेप के मामले में पुलिस पर कई प्रकार के गंभीर आरोप भी लगते हैं लेकिन सतना की छात्रा के साथ उज्जैन में हुए रेप के मामले में महाकाल थाने के प्रभारी अजय वर्मा का अलग ही मानवीय चेहरा सामने आया. थाना प्रभारी पर आरोप की जगह उनकी लोगों द्वारा तारीफ हो रही है. हालांकि बालिका को गोद लेने का प्रस्ताव अधर लटकता हुआ दिखाई दे रहा है.
25 सितंबर की सुबह सतना की रहने वाली कक्षा आठवीं की छात्रा के साथ उज्जैन के जीवन खेड़ी इलाके में रेप की वारदात हुई थी. इस मामले में महाकाल थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की. महाकाल थाने के प्रभारी अजय वर्मा ने इस पूरे मामले में पहले ही यह घोषणा कर दी थी कि इस घटना का शीघ्र ही पटाक्षेप होने और बालिका की पहचान होने पर वे उसे गोद लेने का प्रस्ताव भी परिवार वालों के सामने रखेंगे.
थाना प्रभारी ने एबीपी न्यूज़ से चर्चा के दौरान कहा कि आज भी वे अपनी बात पर अडिग है. यदि पीड़ित परिवार बालिका को उन्हें सौंपता है तो वे उसे रखने को तैयार है. इसके अलावा यदि बालिका को पीड़ित परिवार अपने साथ ले जाता है, तब भी उसकी शिक्षा, भरण पोषण से लेकर विवाह तक की जो भी राशि खर्च होगी, वे इसे देने को तैयार है. पुलिस अधिकारी की दरियादिली की तारीफ हो रही है. हालांकि इस घटनाक्रम को लेकर पुलिस पर भी कई सवाल उठ रहे है पुलिस के सुरक्षा प्रबंधन और सीसीटीवी कैमरे लगे होने के बावजूद वारदात की अनदेखी के चलते पुलिस भी कटघरे में है.
अभी तक 10 लाख से ज्यादा की राशि की घोषणा
रेप पीड़ित बालिका को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ 5 लाख रुपए की राशि दे चुके हैं. इसके अलावा सरकार की ओर से भी ₹7 लाख की राशि की घोषणा हुई है. इसके अलावा महाकाल थाना प्रभारी ने शिक्षा, भरण पोषण और विवाह के लिए खर्च होने वाली राशि देने की घोषणा कर दी है. बालिका का इंदौर के अस्पताल में इलाज चल रहा है इलाज का खर्च भी सरकार उठा रही है.