Mp School Bus News: अगर आपके बच्चे ऑटो, मेजिक या बस में स्कूल जा रहे हैं तो आपके लिए यह खबर काफी महत्वपूर्ण है. वाहन के साथ-साथ वाहन चालक के दस्तावेज की जांच के बाद ही अपने बच्चों को वाहन में स्कूल भेजें. उज्जैन में सड़क दुर्घटना में 4 स्कूली बच्चों की मौत की घटना के बाद जांच पड़ताल के दौरान बड़ा खुलासा हुआ. पता चला कि 4 साल से वह वाहन बिना दस्तावेजों के सड़क पर सरपट दौड़ रहा था. 2 दिन पहले उज्जैन (Ujjain) जिले के नागदा में दो निजी स्कूलों के बच्चे को ले जा रही तूफान जीप ट्रक से भिड़ गई थी. इस मामले की पुलिस ने पड़ताल की तो पता चला जीप के किसी भी प्रकार के दस्तावेज पूर्ण नहीं है. इस खुलासे के बाद स्कूली वाहनों पर सवाल खड़े हो गए. 


एक दर्जन वाहने जब्त किये गये


उज्जैन आरटीओ संतोष मालवीय ने उज्जैन, नागदा सहित पूरे जिले में अभियान चलाया तो ऐसे एक दर्जन वाहन जब्त हुए, जिनके दस्तावेज पूर्ण नहीं थे. इसके अलावा कुछ वाहनों पर नियम विरुद्ध संचालन का चालान भी बनाया गया. उज्जैन आरटीओ संतोष मालवीय ने बताया कि वाहन दुर्घटना रोकने के लिए स्कूल प्रबंधन के साथ-साथ अभिभावकों को भी सचेत रहने की जरूरत है. जब अभिभावक अपने बच्चों के लिए स्कूल वाहन चिन्हित करें, तो उन्हें वाहन चालक का व्यवसायिक लाइसेंस,  गाड़ी का बीमा, फिटनेस, पीयूसी और अन्य समस्त दस्तावेज अच्छी तरह देखना चाहिए. इसके अतिरिक्त नया वाहन चालक के गाड़ी पर आने पर उसके संबंध में भी जानकारी आवश्यक रूप से जुटा लेना चाहिए. ऐसी ही सतर्कता स्कूल प्रबंधन के लिए भी जरूरी है तभी दुर्घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लगाया जा सकता है.


ऐसे मामले भी सामने आए


उज्जैन आरटीओ संतोष मालवीय ने स्कूली वाहनों को लेकर अभियान चलाया जिसमें एक दर्जन वाहन जब्त किए गए. इनमें कुछ वाहन ऐसे भी थे जिनके महत्वपूर्ण दस्तावेज पूर्ण नहीं थे. वाहनों में फिटनेस के साथ-साथ कई दस्तावेज नहीं पाया गया. एक वाहन का बीमा भी नहीं था. इसके अलावा सड़क पर कई अवैध रूप से वाहन चलाए जा रहे थे जिसमें मासूम बच्चों को बैठाकर जान के साथ खिलवाड़ हो रहा था. 


मध्य प्रदेश सरकार करा रहा है उपचार


नागदा में हुई दुर्घटना में अभी भी 10 बच्चे अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं. वाहन के दस्तावेज पूरे नहीं होने की वजह से पीड़ित परिवार को इलाज के लिए बीमा से राशिद मिलना भी मुश्किल दिखाई दे रहा है. इस संबंध में उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के निर्देश पर पीड़ित परिवार के बच्चों का निःशुल्क उपचार कराया जा रहा है. 


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