Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू होते ही एक बार फिर शिप्रा नदी (Shipra river) की दशा सुधारने के लिए बड़ी घोषणा की गई है. अगले 5 सालों में शिप्रा नदी को शुद्ध बनाने के लिए कान्ह नदी का डायवर्जन किया जाएगा, जिसके लिए सरकार (MP government) 598 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है. बता दें कि साल 2028 में उज्जैन (Ujjain) में सिंहस्थ महाकुंभ (Simhastha Mahakumbh) का आयोजन होगा. शिप्रा तट पर होने वाले सिंहस्थ मेले को लेकर अभी से तैयारियां शुरू हो गईं हैं. इंदौर (Indore) से निकलने वाली कान्ह नदी के डायवर्सन को मध्य प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है. इस पर 598 करोड़ 66 लाख रुपये खर्च होना है. 


इस योजना के क्रियान्वित होने के बाद कान्ह नदी का दूषित जल शिप्रा नदी में मिलने से रुक जाएगा. जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने परियोजना को लेकर आवश्यक निर्देश जारी किए हैं. सरकार इसे उज्जैन के लिए बड़ी सौगात बता रही है. हालांकि शिप्रा नदी की दशा और दिशा सुधारने के लिए हर बार विधानसभा चुनाव के पहले बड़ी घोषणा होती आई है. पूर्व में नर्मदा-शिप्रा लिंक योजना को लेकर भी घोषणा हुई थी, जिसके बाद इस योजना को अमली जामा पहनाया गया. 


कांग्रेस नेता ने लगाया आरोप
दावा किया जा रहा था की शिप्रा नदी सतत प्रवाहमान रहेगी, मगर अभी तक ऐसा कुछ नहीं हो पाया है. इसके बाद कान्ह नदी के डायवर्सन को लेकर भी सरकार ने कई बार योजनाएं बनाईं. इस बार भी सिंहस्थ के पहले योजना को पूरी करने की बात कही जा रही है. कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने आरोप लगाया है कि जब भी चुनाव आता है, बीजेपी सरकार शुद्धिकरण को लेकर वादा करती है. पूर्व में भी कई बार वादे किए गए लेकिन पूरे नहीं हुए. 


क्या है कान्ह डायवर्जन योजना 
कान्ह नदी में इन्दौर शहर एवं औद्योगिक क्षेत्र का प्रदूषित जल प्रवाहित होता है. कान्ह नदी आगे चलकर उज्जैन की शिप्रा में मिलती है. शिप्रा नदी के जल को कान्ह नदी के दूषित जल से बचाने के लिये कान्ह डायवर्सन क्लोज डक्ट परियोजना तैयार की गई है. इस योजना के अन्तर्गत कान्ह नदी के दूषित जल को शिप्रा नदी में मिलने से रोकने के लिए ग्राम गोठड़ा के समीप स्टॉप डेम बनाकर दूषित जल को डायवर्सन करते हुए उज्जैन शहर के कालियादेह ग्राम के समीप फिर से शिप्रा नदी में प्रवाहित करने की योजना प्रस्तावित है.


योजना को लेकर महत्वपूर्ण बात
यह योजना आगामी सिंहस्थ वर्ष-2028 के पहले पूरी कर ली जाएगी. आगामी 30 वर्षों की अनुमानित जनसंख्या के आधार पर योजना तैयार की गई है. योजना के अन्तर्गत कान्ह नदी के 40 क्यूमैक नॉन मानसून फ्लो को डायवर्ट किया जाना प्रस्तावित है. परियोजना के अन्तर्गत 100 मीटर लम्बाई में एप्रोच चैनल का निर्माण, 16.5 कि.मी. लम्बाई में 4.5 मीटर, D-आकार के भूमिगत आर.सी.सी. बॉक्स का निर्माण और अंतिम 100 मीटर लम्बाई में ओपन चैनल का निर्माण किया जाएगा. परियोजना का रख-रखाव निर्माण एजेन्सी द्वारा 15 वर्ष तक किया जाएगा.


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