Ujjain Temple: उज्जैन के रामघाट (Ramghat) पर विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां पर यमराज के साथ धर्मराज और चित्रगुप्त भी विराजमान है. यहां पर दर्शन करने मात्र से कष्ट पाप और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है. दरअसल उज्जैन के रामघाट पर स्थित धर्मराज चित्रगुप्त मंदिर (Dharmraj Chitragupta Temple) का उल्लेख स्कंद पुराण और अग्नि पुराण में उल्लेखित है. मंदिर के पुजारी पंडित राकेश जोशी के मुताबिक यहां पर यमराज, धर्मराज, चित्रगुप्त और यमराज की बहन यमुना विराजमान है. जो श्रद्धालु यहां पर दर्शन करता है उसके कष्ट, पाप और दोष मुक्त हो जाते हैं. इसके अलावा कालसर्प दोष से भी राहत पहुंचती है. 


कई सौ साल पुराना है इतिहास


पंडित जोशी के मुताबिक मंदिर के ऊपर से कर्क रेखा गुजरती है इसलिए भी मंदिर का विशेष महत्व माना गया है. उन्होंने बताया कि पिछले 400 साल से उनके पूर्वज मंदिर में पूजा अर्चना कर रहे हैं. 1702 में भी यहां पर पूजा अर्चना किए जाने के प्रमाण मौजूद है. देशभर के श्रद्धालु यहां पर रोग दोष की मुक्ति के लिए आते हैं. उत्तर उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी के किनारे स्थित धर्मराज मंदिर हजारों लोगों की आस्था का केंद्र है. यहां पर कई श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन करने के लिए आते हैं. इसके अलावा मंदिर में दीपक लगाने का भी विशेष महत्व है. राम घाट पर शिप्रा में स्नान करने के बाद श्रद्धालु मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं. यहां दर्शन करने से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है.


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48 घंटे में मोक्ष की प्राप्ति


पंडित राकेश जोशी के मुताबिक जीव-जंतु अथवा मनुष्य शारीरिक कष्टों के चलते कई बार जीवन और मौत के बीच संघर्ष करते हैं. ऐसी स्थिति में उनकी रक्षा अथवा मोक्ष की प्राप्ति के लिए यहां पर पूजा करवाने के लिए श्रद्धालु आते हैं. यहां पर पूजा करने के बाद 48 घंटों के अंदर परिणाम आ जाता है. मंदिर में पूजा अर्चना करने से कई लोगों को स्वास्थ्य लाभ भी पहुंचा है.


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