Madhya Pradesh News: डिजिटल रजिस्ट्री के नाम पर वसूली करने वाले जालसाजों के चक्कर में अब ग्रामीण भी नहीं फंस रहे हैं. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के गृह जिले उज्जैन के बड़नगर थाना क्षेत्र में एक मामला सामना आया है. यहां किसान को 'डिजिटल अरेस्ट' के नाम पर लोन अमाउंट भरने को कहा. जब यह मामला पुलिस के पास पहुंचा तो सब इंस्पेक्टर से भी लोन अमाउंट भरने का पूरा तरीका जालसाज ने बताया.


बड़नगर थाना क्षेत्र के फतेहपुर में रहने वाले आशीष सोलंकी के पिता सुभाष सोलंकी के पास डिजिटल अरेस्ट नाम पर फोन आया. उज्जैन एसपी प्रदीप कुमार शर्मा ने बताया कि आरोपी ने कहा, सुभाष सोलंकी के नाम पर डिजिटल अरेस्ट का वारंट निकला है. इस पूरे मामले से बचने के लिए धोखाधड़ी करने वालों ने 10 हजार की राशि ऑनलाइन मांगी. इसके बाद यह मामला पुलिस के पास पहुंचा.


ठग ने सब इंस्पेक्टर से क्या कहा? 
पुलिस अधिकारी ने पीड़ित व्यक्ति बनकर बातचीत की तो सब इंस्पेक्टर से भी जालसाज ने लोन अमाउंट भरने को कहा. उसने व्हाट्सएप्प कॉलिंग के जरिए पूरा तरीका सब इंस्पेक्टर को बताया. साइबर ठगी करने वाले ने सब इंस्पेक्टर से कहा, पेटीएम में जाकर उनके नंबर पर आईडीएफसी बैंक के जरिए लोन अमाउंट में 10,000 की राशि डालने पर पूरा मामला निपट जाएगा. 


जब सब इंस्पेक्टर में आगे बातचीत को बढ़ाया तो साइबर ठग ने पूरा तरीका बताते हुए ऑनलाइन ट्रांसफर करने के लिए दबाव बनाया. जब उसे लगा कि वह किसान से नहीं किसी पुलिस अधिकारी से बात कर रहा है तो फोन काट दिया. फतेहपुर के रहने वाले आशीष सोलंकी ने बताया कि उनके पिता के पास जब फोन आया तो वह घबरा गए.


उन्होंने तुरंत परिवार के लोगों को यह बात बताई इसके बाद आशीष ने खुद थाने पहुंचकर पुलिस में शिकायत की. पुलिस अब प्राप्त जानकारी के आधार पर मामले की जांच कर रही है.



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