Ujjain News: उज्जैन में करोड़ों की सरकारी संपत्ति है वीरान, सरकार को इस तरह हो रहा आर्थिक नुकसान
उज्जैन कलेक्टर ने एबीपी न्यूज़ के सवाल को सही ठहराया है. मामला वीरान पड़ी सरकारी संपत्तियों के इस्तेमाल का है. किराए पर भवन लेकर संचालित करने पर सरकार को आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ा रहा है.
Ujjain News: वीरान पड़ी सरकारी संपत्ति को ठीक कराकर सरकार को आर्थिक बोझ से बचाया जा सकता है. एबीपी न्यूज़ के सवाल को उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने ठीक बताया. उन्होंने कहा कि पुराने भवनों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. गौरतलब है कि उज्जैन में करोड़ों रुपए की सरकारी संपत्ति वीरान पड़ी हुई है. देखरेख के अभाव में क्षतिग्रस्त संपत्तियों का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. दूसरी तरफ सरकार को कार्यालय संचालित करने के लिए लाखों रुपए का किराया भरना पड़ रहा है. दोहरी नीति के कारण सरकार को लाखों का नुकसान हो रहा है.
वीरान पड़ी संपत्तियों पर सरकार की उपेक्षा
उज्जैन में कई पुलिस थानों के नए भवन बनकर तैयार हो गए हैं. ऐसी स्थिति में पुराने भवन वीरान पड़े हुए हैं. इसी तरह अन्य कई शासकीय कार्यालय के भवन भी खाली हैं. दूसरी तरफ सरकार कई विभागों के लिए किराए पर भवन ले रही है. उदाहरण के तौर पर चिमनगंज मंडी थाने का नया भवन बनकर तैयार हो गया है.
पूरा थाना नए भवन में शिफ्ट हो गया है. दूसरी तरफ आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो का कार्यालय किराए के भवन में संचालित किया जा रहा है. किराए के भवन पर सरकार को लाखों रुपए सालाना का भुगतान देना पड़ रहा है. अगर सरकार पुराने भवनों को रिनोवेशन कराकर सरकारी दफ्तर में शिफ्ट करवा दे तो आर्थिक बोझ से मुक्ति मिल सकती है.
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इंजीनियर से करवाया जाएगा सर्वे-कलेक्टर
एबीपी न्यूज़ के मुद्दे को कलेक्टर आशीष सिंह ने सही ठहराते हुए कहा है कि कुछ वीरान पड़े सरकारी भवनों का इंजीनियर से सर्वे करवाया जाएगा. इसके अलावा अगर इस्तेमाल में आने की हालत में होंगे तो वीरान पड़े भवनों को काम में लिया जाएगा. उज्जैन कलेक्टर ने भी माना कि सरकारी दफ्तर का किराया सरकार पर बोझ बनता है मगर उनका संचालन भी बेहद जरूरी है.
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