QR Code Scanner on Tree in Ujjain: अभी तक आपने क्यूआर कोड स्कैन कर किसी भी वस्तु के बारे में दाम की जानकारी हासिल की होगी लेकिन धार्मिक नगरी उज्जैन में क्यूआर कोड स्कैन कर आप पेड़ों के बारे में भी जानकारी हासिल कर सकते हैं. विक्रम विश्वविद्यालय के वनस्पति विभाग ने पेड़ों को पहचान दिलाने की खातिर एक अनूठी और नई शुरुआत की है. जैव विविधता की दृष्टि से विक्रम विश्वविद्यालय का बॉटनी डिपार्टमेंट मध्य प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ वानस्पतिकी उद्यानों में शामिल है.
विद्यार्थियों की सुविधा की दृष्टि से और जन जागरूकता के लिए परिसर में स्थित पेड़ों पर क्यूआर कोड लगाने का काम शुरू किया गया है. इस मौके पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय उपस्थित रहे. उन्होंने कहा कि पेड़ों पर क्यूआर कोड लगाना एक अच्छी पहल है. इससे लोगों में पर्यावरण और वनस्पति संपदा के प्रति जागरूकता पैदा होगी. लोगों में वृक्षों को जानने की उत्सुकता के साथ जिज्ञासा का समाधान होगा. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से विद्यार्थी और शोद्यार्थी के साथ सामान्य जन भी फायदा उठा सकेंगे.
पेड़ों पर क्यूआर कोड लगाने का काम शुरू
पेड़ों पर क्यूआर कोड लगाने का काम पर्यावरण प्रबंधन अध्ययनशाला के डॉ मुकेश वाणी ने विभागाध्यक्ष आचार्य डीएम कुमावत के निर्देशन में शुरू किया है. क्यूआर कोड को स्कैन करते ही विद्यार्थियों को वृक्ष से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध हो जाएगी. इसमें वृक्ष का वानस्पतिक नाम, वृक्ष का स्थानीय नाम और उसके औषधीय गुणों के बारे में जानकारी शामिल हैं. इससे वनस्पति एवं एग्रीकल्चर के क्षेत्र में कार्यरत शोधार्थियों और विद्यार्थियों को बहुत लाभ होगा.
पेड़ों के बारे में मिलेगी महत्वपूर्ण जानकारी
विक्रम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ शैलेंद्र शर्मा ने बताया कि क्यूआर कोड को लेकर हमेशा लोगों में जिज्ञासा रहती है. हर कोई आजकल एंड्राएड फोन का इस्तेमाल करता है. मोबाइल पर क्यूआर कोड स्कैन करते ही वृक्षों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल जाएगी. इसके अलावा पेड़ भी लोगों की निगाह में रहेंगे. इससे वन क्षेत्र बचाने में भी मदद मिलेगी. ऐसी पद्धति का व्यापक पैमाने पर प्रचार प्रसार और उपयोग किया जाना बहुत कारगर साबित हो सकता है.
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