Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) देर रात धार्मिक व पर्यटक नगरी ओरछा (Orchha) पहुंची. यहां उमा भारती ने अलाव जला कर स्थानीय लोगों के साथ बैठकर शराब बंदी को लेकर बात की. धार्मिक नगरी ओरछा में चल रही शराब दुकान का विरोध करते हुए उमा भारती ने साफ कहा कि रामराजा सरकार की नगरी में शराब की दुकान का क्या औचित्य? लोगों की लत का उपयोग कर पैसे बनाना सरकार का धर्म नहीं है. ओरछा में नियम विरूद्ध चल रही शराब की दुकान के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने तेवर सख्त कर लिए हैं. आक्रोशित होकर उमा भारती ने साफ कहा कि शराब की दुकान के लिए गांव अलॉट हुआ था, बीच शहर में दुकान अलॉट नहीं हुई थी. जिला आबकारी अधिकारी को तय करना था कि दुकान कहां खुलनी चाहिए.
उमा भारती ने साफ कहा कि आबकारी अधिकारी को शर्म आनी चाहिए थी, शराब दुकान वाले तो अपना फायदा सोचेंगे. उन्होंने कहा कि अभी यह बात सामने आएगी कि उसे कितने करोड़ रुपये का ठेका दिया गया था. उन्होंने कहा कि रामराजा सरकार की नगरी ओरछा से शराब का क्या राजस्व वसूलना. उन्होंने कहा कि आबकारी और जिला अधिकारी को टारगेट दिया जाता है. नशा लोगों की आदत है व शराब लोगों की लत है और सरकार इसका उपयोग कर लेती है. लोगों की लत का उपयोग कर पैसे बनाना सरकार का धर्म नहीं है. सरकार का धर्म है कि लोगों की लत को खत्म करे. उन्होंने कहा कि इसमें मूल दोषी कौन है यह बात तो यहां आएगी. उमा भारती ने कहा इसमें मूल दोषी वह है जो राम का नाम लेते हैं. इसके बाद उमा भारती ने कहा कि बोली मैं हूं मूल दोषी मुझे फांसी पर लटकाओ, उमा भारती बोली मैंने सरकार के लिए वोट मांगे थे.
मैं सीएम होती तो पूर्ण शराबबंदी लागू करती
वहीं इससे पहले उमा भारती ने कहा था कि, ‘‘मैंने कभी नहीं कहा कि पूर्ण शराबबंदी होनी चाहिए. मैंने कहा था कि अगर यह मेरे नियंत्रण में रहता तो मैं पूर्ण शराबबंदी लागू करती. मुझे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर पूरा भरोसा है. मैं 31 जनवरी को नई शराब नीति के बारे में फैसले का इंतजार करुंगी.’’ उमा ने कहा था कि वह नहीं चाहतीं कि उनके रुख से कांग्रेस को फायदा हो. उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी नीत प्रदेश सरकार नियंत्रित शराब वितरण प्रणाली लागू करती है तो बीजेपी इस साल नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी रिकॉर्ड जीत को दोहराएगी.