MP News: राजधानी भोपाल के नजदीकी जिले रायसेन से पूर्व सीएम उमा भारती को सिस्टम के आगे हर बार बेबस होकर ही लौटना पड़ रहा है. पूर्व सीएम सावन के आखिरी सोमवार को रायसेन के किले में स्थित सोमेश्वर महादेव मंदिर में जल चढ़ाने गई थीं. लेकिन प्रशासन ने उन्हें किले के नीचे ही रोक दिया. इस पर उन्होंने नाराजगी जताई. इसके बाद कलेक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अफसर उन्हें मंदिर तक लेकर पहुंचे. लेकिन मंदिर का ताला नहीं खोला गया. नतीजतन उमा भारती मंदिर के बाहर से ही दर्शन कर लौट गईं. उमा भारती ने कहा कि केंद्र और राज्य में हमारी सरकार है,ऐसे में मंदिर का ताला तोड़ दूं यह अशोभनीय होगा.
क्या है सोमेश्वर महादेव मंदिर का मामला
आपको बता दें कि रायसेन के किले में शिव मंदिर है. इस मंदिर का ताला साल में महज एक बार शिवरात्रि के दिन ही खुलता है. बाकी के 364 दिन इस मंदिर में ताला लगा रहता है. यह मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन हो जाने के बाद इसे ताले में बंद कर दिया गया था. साल 1974 में नगर के लोगों ने एकजुट होकर मंदिर खोलने और यहां स्थित शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आंदोलन किया था.उस समय तत्कालीन सीएम प्रकाशचंद्र सेठी ने महाशिवरात्रि पर खुद आकर शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा कराई थी, तब से हर महाशिवरात्रि पर मंदिर के ताले श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते हैं.
जल चढ़ाने पहुंची थीं पूर्व सीएम उमा भारती
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रायसेन किले में स्थित सोमेश्वर महादेव शिव मंदिर में जल चढ़ाने के लिए पहुंची थीं. लेकिन उमा भारती को किले के नीचे ही रोक दिया. इससे उमा भारती भड़क गईं.नाराजगी के बाद कलेक्टर व अन्य प्रशासनिक अफसर उमा भारती को लेकर किले में स्थित मंदिर पहुंचे. लेकिन मंदिर के गेट नहीं खोले गए. इसके उमा भारती ने बाहर से भगवान के दर्शन किए.पूर्व सीएम उमा भारती ने मीडिया से कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने मुझे आश्वासन दिया था, मुझसे वादा किया गया था कि सावन के आखिरी सोमवार को मंदिर के गेट पर लगे ताले खोले जाएंगे,लेकिन नहीं खोला गया.मैं यहां से हर बार हार कर लौट जाती हूं.
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