MP Politics: मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) ने अपने खिलाफ डर्टी पॉलिटिक्स का आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य की नई शराब नीति मुख्यमंत्री शिवराज सिंह (Shivraj Singh Chouhan) की अग्निपरीक्षा है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "मैं व्यग्रता से नई शराबनीति की प्रतीक्षा कर रही हूं. तब तक डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट मेरे ऊपर खूब पत्थरबाज़ी करवा रहा है, ताकि बात की धार कम की जा सके."


अवैध रेत खनन को लेकर साधा शिवराज सरकार पर निशाना
इसी के साथ उमा भारती ने नई शराब नीति के साथ अवैध रेत खनन का मुद्दा उठाकर एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश रेतीली नदियों का राज्य है. वैज्ञानिक तरीक़े से किए गये रेत खनन को वैध कर दीजिए और कठोरता से अवैध रेत खनन को रोकने की हिम्मत जुटाइये. इससे शराब वितरण के नियंत्रण से हुई राजस्व की हानि से कई गुना ज्यादा वसूली हो सकती है.


मेरे ऊपर करवाई जा रही पत्थर बाजी- उमा भारती
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने बिना किसी का नाम लिए हुए कहा कि डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट मेरे ऊपर खूब पत्थरबाज़ी करवा रहा है ताकि बात की धार कम की जा सके. उन्होंने कहा कि मैं तो मध्य प्रदेश को शराब में बहने से बचाने के लिए कुछ भी झेल लूंगी. शराब माफ़िया कितना ताक़तवर है. इसका अन्दाज़ लगाते रहिए. बीजेपी नेता उमा भारती ने शराब नीति पर अपने संशोधनों (परामर्श) के फायदे भी गिनाए हैं. उन्होंने कहा कि इससे राजस्व की हानि बेहद कम होगी. 


'शिवराज जी की सबसे बड़ी परीक्षा है शराब नीति'
उमा भारती ने मुख्यमंत्री चौहान को लेकर इमोशनल होते हुए कहा, "आपको याद होगा लगभग 2 साल पहले मैंने शिवराज जी की निजी जीवन की अच्छाईयों का वर्णन करते हुए एक लेख लिखा था. मैं आज भी उसपर क़ायम हूं. आश्चर्य यही है कि शिवराज जी अपनी निजी जीवन की अच्छाईयों को अपनी योजनाओं के द्वारा धरातल पर क्यूं नहीं ला पा रहे हैं. शीघ्र ही घोषित होने वाली नई शराबनीति शिवराज जी की सबसे बड़ी परीक्षा है."


उमा भारती के सुझाव शामिल करना शिवराज की मजबूरी 
यहां यह समझना जरूरी है कि जनवरी माह में घोषित हो जाने वाली एमपी की नई आबकारी नीति के लेकर पेंच अभी भी फंसा हुआ है. इसे लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती दोनों ही अपने-अपने स्टैंड को लेकर दबाव महसूस कर रहे हैं. जहां सीएम शिवराज के सामने राजस्व हानि का प्रशानिक मामला फंसा है तो उमा भारती अपने एजेंडे के विफल होने को लेकर चिंतित दिख रही हैं.


वे खुद भी स्वीकार कर रही हैं कि नई शराब नीति को लेकर उनके भीतर चिंता है. वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वैसे तो इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं लेकिन निर्णय में देरी उनकी दुविधा को इंगित कर रही है. उमा भारती की मांग को सिरे से खारिज करने पर शिवराज को चुनावी नुकसान का भी अंदेशा है. इसलिए राजनीतिक जानकार कह रहे हैं कि उमा भारती के कुछ परामर्श नई शराब नीति में शामिल किए जा सकते हैं.


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