Uma Bharti on MP Liquor Policy: मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) की नजरों में मध्य प्रदेश की शराब नीति 'सबसे घिनौनी' नीति है. उमा भारती ने इशारों-इशारों पर एमपी की शिवराज सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि इस नीति से यह साबित हो गया कि वे अपने कर्तव्य में फेल हो गए.
बता दें, कि शराब नीति को लेकर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं. एक दिन पहले उन्होंने ओरछा के विधायक और सांसद के बारे में कहा था कि यहां के सांसद विधायकों को राम का नाम लेने का अधिकार नहीं है. हालांकि, एक दिन बाद ही उमा भारती ने इसपर सफाई देते हुए कहा, 'मैंने जो टिप्पणी यहां के सांसद एवं विधायक को लेकर की, वह केवल दो लोगों पर लागू नहीं होती, क्योंकि यह व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं है.'
जनप्रतिनिधियों को दिखाया आइना
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने 6 ट्वीट कर मध्य प्रदेश के जनप्रतिनिधियों को आइना दिखाने की कोशिश की है. उमा भारती ने लिखा,'यह बात तो पूरे प्रदेश पर लागू होती है. ग्रामीण क्षेत्र में पंच से लेकर सांसद तक और शहरी क्षेत्र में पार्षद से लेकर सांसद तक, यह तो जनप्रतिनिधियों की ही जिम्मेदारी थी कि महिलाओं का सम्मान, सुरक्षा, नौजवानों के स्वास्थ्य एवं भविष्य को ध्यान में रखते हुए इन दुकानों को ऐसे गलत स्थानों पर खुलने ही नहीं देते.'
उमा भारती ने लिखा, 'वह जनप्रतिनिधि हैं, उन्होंने सरकार को चुना है. सरकार की बात उन्हें जनता तक नहीं बल्कि जनता की बात उन्हें सरकार तक पहुंचानी है. मध्य प्रदेश की वर्तमान की घिनौनी शराब नीति से यह साबित हो गया कि वह अपने कर्तव्य में फेल हो गए. अब जो नई शराब नीति आने वाली है, उसमें सबसे बड़ी अग्रिपरीक्षा इन जनप्रतिनिधियों की है. क्योंकि एमपी की जनता की भावनाएं शराब के खिलाफ हैं. मेरी अपील है कि नई शराब नीति में आप एक सशक्त पहरेदार की भूमिका निभाइए.'
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