Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर हैं. इसी बीच भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता उमा भारती का बयान आया है. राम मंदिर जन्मभूमि आंदोलन में शामिल रहने वाली उमा भारती ने बताया है कि राम मंदिर निर्माण का असली श्रेय किसे मिलना चाहिए. राम जन्मभूमि आंदोलन पर बात करते हुए बीजेपी की कद्दावर नेता ने बताया कि राम मंदिर का श्रेय सबसे पहले और सबसे ज्यादा उन कारसेवकों को मिलना चाहिए, जिन्होंने आंदोलन के दौरान अपनी जान तक दे दी थी.
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान बताया कि रामजन्मभूमि आंदोलन 500 साल का एक संघर्ष रहा है और किसी भी एक व्यक्ति को इसकी सफलता का पूर्ण श्रेय नहीं जा सकता. उन्होंने कहा, 'ये आंदोलन पांच सदियों तक चला. ये देश का इकलौता ऐसा आंदोलन है जो 500 वर्षों तक चला और सफल हुआ. इसका श्रेय किसी एक व्यक्ति को नहीं जा सकता है. ऐसे में मुझे लगता है कि सबसे पहले और सबसे ज्यादा श्रेय उनको जाना चाहिए, जिन्होंने इसके लिए अपनी जान दे दी और जिन्होंने विवादित ढांचे को ढहाया.'
ढांचा गिराने वालों और अशोक सिंघल को श्रेय
उमा भारती ने कहा कि अगर वो ढांचा न गिराया गया होता तो कोई भी सर्वे संभव नहीं था. उन्होंने कहा कि ढांचा गिरने के बाद सर्वे हुआ और सुप्रीम कोर्ट ने उसके नतीजों को स्वीकार किया. उमा भारती ने इस दौरान विश्व हिंदू परिषद के पूर्व प्रमुख अशोक सिंघल को भी याद किया. उन्होंने कहा, "इसके बाद श्रेय अशोक सिंघल को जाना चाहिए, जो आंदोलन को अगले स्तर तक ले गए. उनके नेतृत्व में हमने आंदोलन आगे बढ़ाया था.
पीएम मोदी, अमित शाह और योगी को भी क्रेडिट
बीजेपी की कद्दावर नेता उमा भारती ने इसके बाद कहा कि मंदिर निर्माण का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी जाना चाहिए, जिन्होंने आंदोलन को अंतिम रूप दिया. हालांकि ज्यादा श्रेय उन लोगों को जाना चाहिए जिन्होंने आंदोलन के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया.