मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा है कि गांधीजी और पीएम मोदी के सपनों का भारत पानी से भरपूर होना चाहिए. शराब से नहीं. उनका कहना है कि वे एमपी में शराब के अहाते न बंद होने से आहत हैं. वे इसके लिए शिवराज सरकार पर निशाना साधने से भी नहीं चूक रही हैं. उमा भारती ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से भाजपा शासित राज्यों में एक समान शराब नीति बनाने की मांग भी की है.
मध्य प्रदेश की अब पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अपनी शराबबंदी की मुहिम को आलाकमान तक पहुंचा दिया है. उन्होंने ट्वीटर पर अपने संदेश में कहा "मैं पहले से ही अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से निरंतर अनुरोध कर रही हूं कि पार्टी स्तर पर विमर्श के लिए एक टीम बनाकर जन हितैषी शराब की वितरण प्रणाली का ड्राफ्ट भाजपा शासित राज्यों को दें."
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने दुख एवं क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि,"मुझे सरकारी सूत्रों से ही यह जानकारी दी गई थी कि अहाते गैरकानूनी हैं. यह वर्तमान शराब नीति का हिस्सा नहीं है. जब रायसेन रोड के अयोध्या बाईपास के प्राचीन मां दुर्गा मंदिर के ठीक सामने 100 मीटर से भी कम दूरी पर शराब की दुकान एवं अहाते को बंद करने के लिए सरकार ने नोटिस दिया तो फिर वे कोर्ट से स्टे लेकर आ गये. तब मुझे आश्चर्य हुआ, इसलिए मैं स्वयं उस अहाते को बंद कराने के लिए पहुंची.
फिर उसके मैनेजर एवं जिला प्रशासन ने सरकारी अनुमति के कागज दिखाए तो स्वभाविक है,उसको स्टे मिलना ही था. इस तथ्य से वाकिफ होने के बाद मुझे सदमा लगा एवं लज्जित हुई. जब अहातों को सरकार ने स्वीकृति दी हुई है तो मेरी उसको बंद कराने की चेष्टा,तब तक अर्थहीन हो जाएगी जब तक कि सरकार अपनी नीति ना बदले."
उन्होंने शिवराज सरकार से मांग की है कि एमपी आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत स्थापित आबकारी नियम 1996 के बिन्दु क्रमांक-8 एवं आबकारी नीति वर्ष 2022-23 के बिन्दु क्रमांक - 3 (शॉपबार) का विलोपन कर दिया जाए तो अहाते अपने आप बंद हो जाएंगे. नई शराब नीति भले ही मार्च में आए किंतु अहाते तुरंत बंद कर देना चाहिए.
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