मध्य प्रदेश में खाद को लेकर विपक्ष ने कृषि मंत्री को घेरा, यूक्रेन युद्ध के कारण देरी से पहुंची खाद?
MP Politics: मध्य प्रदेश में किसानों को खाद मिलने में दिक्कत हो रही है. इसको लेकर विपक्ष ने विधानसभा में सरकार को घेरा. कृषि मंत्री ने कहा कि यूक्रेन युद्ध के कारण खाद आने में देरी हुई है.
MP News: मध्य प्रदेश में किसानों को खाद मिलने में आने वाली परेशानी को लेकर विपक्ष ने विधानसभा के भीतर भी अपनी आवाज को बुलंद किया. उन्होंने कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना को घेरने की कोशिश की. हालांकि, कृषि मंत्री ने स्पष्ट कहा कि यूक्रेन युद्ध के कारण खाद को लाने में 25 दिन की देरी हो गई.
मध्य प्रदेश में खाद की समस्या को लेकर कांग्रेस लगातार भारतीय जनता पार्टी की सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है. विधानसभा के भीतर भी नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कृषि मंत्री से जवाब मांगा. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के सीहोर में 60 घंटा तक किसानों को लाइन में लगा पड़ा. इससे एक बुजुर्ग की मौत तक हो गई.
कृषि मंत्री प्रदेश में खाद संकट के लिए यूक्रेन युद्ध को बहाना बना रहे हैं और कह रहे हैं कि खाद से उनका कोई संबंध नहीं है।
— Umang Singhar (@UmangSinghar) December 25, 2024
यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि यह सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है। pic.twitter.com/Nl7Tbw1n7B
खाद तक उपलब्ध नहीं कर पाई सरकार
इसके अलावा छतरपुर में किसान के पेर की हड्डी टूट गई. छतरपुर में खाद को लेकर काफी मारामारी की स्थिति निर्मित हुई. इसके अलावा दमोह, विदिशा में भी खाद की समस्या को लेकर किसानों ने प्रदर्शन किया. सरकार किसानों को सही समय पर उचित मात्रा में खाद तक उपलब्ध नहीं कर पाई.
कृषि मंत्री ने दिया विपक्ष के आरोपों का जवाब
कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना ने कहा कि यूक्रेन युद्ध की वजह से हाथ को लाने में थोड़ा वक्त अधिक लग गया, जिसकी वजह से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा. हालांकि पूरे मध्य प्रदेश में स्थिति सामान्य थी. कुछ स्थानों पर जरूर किसानों ने प्रदर्शन किया, मगर सब कुछ नियंत्रित था. उन्होंने कहा कि विपक्ष गलत आरोप लगा रहा है.
मध्य प्रदेश की सरकार तय करते हैं किसान
किसानों के मुद्दे पर हमेशा पक्ष और विपक्ष एक दूसरे के आमने-सामने रहता है. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि मध्य प्रदेश में किसान ही सरकार तय करते हैं. मध्य प्रदेश की 60% से अधिक विधानसभा सीट ग्रामीण क्षेत्र की है जहां कृषि पर आधारित लोगों द्वारा विधायक चुना जाता है.
ये भी पढ़ें: 'माता-पिता की इजाजत के बिना...', क्रिसमस पर बच्चों को सांता बनाने पर हिन्दू संगठनों ने जताया विरोध