MP News: मध्य प्रदेश सरकार पर कर्ज को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. कांग्रेस आरोप लगा रही है कि सरकार लगातार कर्ज ले रही है, मगर इसका लाभ आम लोगों को नहीं मिल पा रहा है.
दूसरी तरफ बीजेपी का कहना है कि मध्य प्रदेश की सरकार गरीब और किसान की सरकार है. कांग्रेस को एमपी की चिंता करने की जरूरत नहीं है. मध्य प्रदेश सुरक्षित हाथों में है.
मध्य प्रदेश के विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार ने इसी वित्तीय वर्ष में अभी तक 20,000 करोड़ का कर्ज ले लिया है, जबकि सरकार पर पूर्व में 3,75,000 करोड़ रुपए खर्च था. अब सरकार फिर 5,000 करोड़ का कर्ज लेने जा रही है. इस प्रकार मध्य प्रदेश सरकार पर 4 लाख करोड़ का कर्ज हो गया है.
उमंग सिंघार ने आरोप लगाते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति पर लगभग ₹50,000 कर्ज हो गया है. उमंग सिंघार का यह भी आरोप है कि सरकार कर्ज लेकर भी आम लोगों को लाभ नहीं पहुंचा रही है, बल्कि राशि का दुरुपयोग हो रहा है.
उमंग सिंघार ने कहा है कि सरकार यदि राशि का सही उपयोग कर रही है तो जनता के बीच पूरा हिसाब देना चाहिए. विधानसभा में भी सरकार से कर्ज का हिसाब मांगा जाएगा.
पहले कांग्रेस अपने दामन में देखे- बीजेपी
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया का कहना है कि कांग्रेस को पहले अपने दामन में देखना चाहिए. कांग्रेस की तत्कालीन दिग्विजय सिंह सरकार के समय कर्ज लिया गया था. उस समय लिए गए कर्ज का आज तक कोई हिसाब किताब नहीं दिया गया, जबकि सरकार मध्य प्रदेश की गरीब जनता और किसानों के साथ-साथ अन्य जरूरतमंद लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठने के लिए काम कर रही है. सरकार के पास रुपयों की कोई कमी नहीं है. किसी भी सरकारी योजनाओं को रोका नहीं जाएगा. सरकार ने जो भी कर्ज लिया है वह नियम और सीमा के दायरे में लिया है.
साल गुजरते गए और कर्ज बढ़ता गया
मध्य प्रदेश सरकार पर वर्तमान में चार लाख करोड़ का कर्ज है. साल 2018-19 में यह कर्ज आधा था. उस समय एक लाख 94 हजार करोड़ का कर्ज ही सरकार पर था, जबकि वर्तमान में चार लाख करोड़ के आसपास पहुंच गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि सरकार साल 2018-19 में 13,000 करोड़ का सालाना ब्याज भर रही थी जो कि अब बढ़कर 24000 करोड़ हो गया है. इसी तरह मध्य प्रदेश के प्रति व्यक्ति पर लगभग 50000 का कर्ज हो चुका है जो कि साल 2018 में 25000 था.
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