Union Budget 2023 India: मोदी बजट में मिडिल क्लास की चांदी, इनकम टैक्स में राहत के पीछे ये है गणित
Budget 2023: केंद्र सरकार ने ताजा बजट में नौकरीपेशा लोगों को 7 लाख आय पर 44 हजार रुपए की छूट देकर विधानसभा चुनाव के पहले बड़ा दांव खेल दिया है.
Union Budget 2023: भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन (Nirmala sitharaman) ने 2023 में होने जा रहे 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बुधवार को लोकसभा में लोकलुभावन बजट पेश किया. बजट 2023 (Budget 2023) को मिडिल क्लास की आशा के अनुरूप तैयार किया गया है. इसका लाभ मिडिल क्लास तथा सर्विस क्लास की फैमिली को मिलेगा.
जहां एक ओर टैक्स स्लैब में 3 लाख की आय को पूर्ण रूप से कर मुक्त कर दिया गया है. वहीं, आयकर के नियमों के अनुरूप 7 लाख रुपए तक की आय अब टैक्स मुक्त होती दिखाई दे रही है. सीधे तौर पर कहें तो 7 लाख रुपए तक की आमदनी पर टैक्सपेयर को अब कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा. जहां पुरानी टैक्स प्रणाली में 7 लाख की आय पर लगभग 44,200 रुपए टैक्स देना होता था. वही, टैक्स स्लैब की रियासतों के चलते अब सीधे सीधे 44,200 रुपए का लाभ लोगों को मिलेगा.
कोरोना के बाद राहत देने वाला बजट
7 लाख आय की श्रेणी में अधिकतर मध्यम वर्ग परिवार के लोग आते हैं. इनमें सर्विस क्लास के लोग अधिक संख्या में शामिल होते हैं. जैसे ही यह घोषणा फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण के द्वारा की गई वैसे ही सर्विस क्लास में खुशी की लहर देखी जा रही है. बजट में आयकर से छूट का एलान करने से सर्विस क्लास के लोगों को बीजेपी को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल हो सकता है. मोदी सरकार 2.0 का यह बजट सरकार को मध्यमवर्ग से जोड़ता दिखाई दे रहा है. बजट को लेकर हमने जब पड़ताल की तो भोपाल के मध्यम व्यवसायी राही गुप्ता से चर्चा की जोकि वाटर सप्लायर और किराना व्यापारी हैं तो उन्होंने कहा कि यह बजट हम जैसे छोटे व्यापारियों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है. टैक्स स्लैब में मिलने वाली रियासतों के चलते अब हमें ₹7,00000 की आमदनी तक कोई टैक्स नहीं चुकाना है. यह बजट कोरोना काल के बाद राहत देने वाला है
असिस्टेंट प्रोफेसर शुभा राठी का कहना है कि मिडिल क्लास फैमिली के लिए टैक्स में राहत एक वरदान की तरह है. जहां विभिन्न तरह की ईएमआई देकर सैलरी का संतुलन बिगड़ जाता है उसी बीच लगभग 40,000 की बचत सीधे तौर पर मिडिल क्लास फैमिलीयों को यह बजट दे रहा है. जोकि बड़ी राहत है इस संबंध में आईटीआई ट्रेनिंग सेंटर के संचालक संदीप वर्मा का कहना है कि यह बजट हम जैसे छोटे उद्यमियों एवं मध्यम वर्गियों के लिए एक बड़ी मिसाल बन सकता है. जिस प्रकार से हम लोग छोटी-छोटी बचत कर जीवनयापन करते हैं, उसके बीच सालाना बचत में बढ़ोतरी होना किसी चमत्कार से कम नहीं होगा. भारत सरकार का यह बजट सराहनीय कहलाएगा.
बता दें कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. इन राज्यों में सर्विस क्लास कर्मचारियों के परिवार और मिडिल क्लास उद्योगों और व्यवसाय से जुड़े परिवारों की संख्या शहरों में अधिक है. इसीलिए आने वाले समय में चुनाव में बीजेपी को इसका पूरा फायदा मिलना तय है.
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