Indore: प्रवासी भारतीय सम्मेलन में नई शिक्षा नीति को लेकर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने किया ये बड़ा दावा
Pravasi Bhartiya Sammelan: इंदौर में जारी प्रवासी भारतीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत सैन्य शक्ति से नहीं, बल्कि इंटलेक्चुअल ताकत से विश्व गुरु बनेगा.
Dharmendra Pradhan in Indore: इंदौर में जारी प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शामिल होने के लिए मंगलवार को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने सम्मेलन के तीसरे दिन समापन के पहले सत्र में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि एजुकेशन नई शिक्षा नीति लागू करने से भारत ग्लोबल मैन पावर बनाने वाला देश बनेगा.
17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन में आए केंद्रीय स्किल डेवलपमेंट और इंटरप्रेन्योर मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने अपने उद्बोधन में कहा कि चौथी सदी में ही उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने ग्रहों की गणना कर दी थी और वाराह मिहिर, ब्रह्मगुप्त, भास्कराचार्य जैसे विद्वानों ने ग्लोबल मैप की परिकल्पना कर ली थी. ये हम सब मानते हैं कि भारत विश्व गुरु था. उन्होंने कहा है भारत एक बार फिर से विश्व गुरु बनेगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो नई एजुकेशन पॉलिसी लागू की है. इससे भारत ग्लोबल मैन पावर बनाने वाला देश बनकर उभरेगा.
सैन्य ताकत ने नहीं, इंटलेक्चुअल ताकत से भारत बनेगा विश्व गुरु
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत सैन्य शक्ति से नहीं, बल्कि इंटलेक्चुअल ताकत से विश्व गुरु बनेगा, क्योंकि हम अब जब भी विश्व गुरु बनने की बात करते हैं तो हमारी बातों में सैन्य ताकत से विश्व गुरु बनने की बात कहीं नहीं होती है. लेकिन जब भी हम इंटलेक्चुअल ताकत की बात करते हैं तो इस सोच में नवाचार आता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आप सब अनुभव करते होंगे कि दुनिया के कुछ हिस्सों में कुछ उत्पादकों के उत्पाद अप टू मार्क नहीं होते है. ऐसे में इस 21वीं सदी में हमारा रोल महत्वपूर्ण हो जाता है.
भारतीय उत्पादों की क्वालिटी की होती है प्रशंसा
धर्मेंद्र प्रधान ने अपने उद्बोधन में भारतीय उत्पादों और मैन पावर की क्वालिटी की बात करते हुए कहा कि पड़ोस के देशों के माल के बारे आज पूरी दुनिया के लोग चिंतित रहते है. हमने कोविड के समय देखा कि जैसे ग्लव्स, पीपीई किट आए वे वैसे ही वापस कर दिए गए. भारत में ऐसा नहीं होता है. उन्होंने कहा कि कोरोना के समय हम पीपीई किट नहीं बनाते थे और आज हम इसके एक्सपोर्टर बन गए हैं.
पहले हमें गेहूं खरीदना पड़ता था. पर अब हम एक्सपोर्ट करते हैं. कोरोना के समय 140 में से 40 देशों को मुफ्त में दवा सप्लाई की. ये भारत की ताकत है. गौरतलब है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सम्मेलन के समापन समारोह में शामिल होंगी.
ये भी पढ़ेंः इंदौर में भड़के NRI, CM शिवराज को भरे मंच से मांगनी पड़ी माफी, आखिर ऐसा क्या हो गया?