Damoh News: केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने एक व्यक्ति की आत्महत्या के मामले में अपने समर्थक के खिलाफ प्राथमिकी का विरोध दर्ज कराने का अनोखा तरीका चुना है. उन्होंने दमोह पुलिस की ओर से उन्हें प्रदान की गई सुरक्षा छोड़ने की घोषणा की है.वहीं मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार ने इस मामले की जांच को अपराध जांच विभाग के हाथों में सौंप दिया है. सरकार के इस कदम को बीजेपी के इस वरिष्ठ नेता को संतुष्ट करने की कवायद माना जा रहा है.
क्या कहा है सरकार ने
राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल में संवाददाताओं से कहा,''वह पार्टी के वरिष्ठ और सम्मानित नेता हैं.हमने इस घटना का गंभीर संज्ञान लिया है. यह मामला सीआईडी को सौंपने का आदेश जारी किया गया है. दोषी बख्शे नहीं जाएंगे. उनकी (पटेल की) भावना का ख्याल रखना हमारी जिम्मेदारी है.''
उल्लेखनीय है कि ऐसी अटकलें हैं कि ओबीसी नेता पटेल अगले साल विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदार हो सकते हैं.
दमोह में एक राशन दुकान के सेल्समैन विक्रम रोहित ने पांच दिन पहले कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने इस सिलसिले में दमोह नगर पालिका में पटेल के प्रतिनिधि यशपाल ठाकुर के खिलाफ मामला दर्ज किया है.केंद्र सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल दमोह लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं.
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल का क्या कहना है
पत्रकारों से केंद्रीय मंत्री ने यहां कहा, ''मेरी सहानुभूति उस युवक के साथ है जिसने आत्महत्या कर ली. लेकिन जो लोग झूठे मामले बनाते हैं या दबाव बनाने के लिए ऐसे मामले बनवाते हैं, उन्हें ध्यान से सुन लेना चाहिए कि उनके मंसूबे कामयाब नहीं होंगे.''
उन्होंने कहा, ''मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि दमोह पुलिस ने जल्दबाजी में कार्रवाई की.मैं पुलिस अधीक्षक और कार्रवाई के खिलाफ हूं. यशपाल (ठाकुर) मेरे कार्यकर्ता और एक जिम्मेदार जन प्रतिनिधि हैं. इसमें (शिकायत) अन्य लोगों के नाम भी आS हैं. मेरा नाम भी वहां है, इसलिए मुझ पर भी आरोप लगाया जाना चाहिए.''
उन्होंने कहा, ''मैं हर कीमत पर उनके साथ हूं. मैंने कहा था कि विस्तृत जांच की जानी चाहिए, लेकिन पुलिस ने हैंडराइटिंग विशेषज्ञ से जांच कराए बिना जल्दबाजी में कार्रवाई की. पुलिस को ऐसी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए.मैं इसका कड़ा विरोध करता हूं.'' मंत्री ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिल जाता वे दमोह पुलिस की सेवाएं नहीं लेंगे.
मंत्री ने कहा, ''मैं दमोह पुलिस की कोई भी सेवा नहीं लूंगा. आज ही, मैं उनकी सुरक्षा छोड़ रहा हूं. मेरी निजी सुरक्षा को छोड़कर, दमोह पुलिस का कोई भी जवान मेरे बंगले पर या मेरे साथ तैनात नहीं होगा.''
ये भी पढ़ें
ABP News Cvoter Survey: कमलनाथ से कैसे मात खा गए सिंधिया, सर्वे में आई हैरान करने वाली तस्वीर