Indore Collection of Electricity Meters: पिछले कई साल में बिजली के मीटरों में कई बदलाव हुए हैं. मध्य प्रदेश के इंदौर में बिजली डिस्ट्रीब्यूशन करने वाली सरकारी फर्म के पास बिजली के मीटरों का अनूठा संग्रह है. इसमें 1960 के दशक से लेकर अभी इस्तेमाल किए जा रहे मीटर शामिल हैं. संग्रह में सबसे पुराना मीटर इलेक्ट्रोमैकेनिकल इंडक्शन है. करीब चार किलोग्राम वजन का यह मीटर विदेश से आयात किया जाता था और वर्ष 1960 से 1990 तक प्रचलित था.


मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत् वितरण लिमिटेड में बने संग्रहालय प्रभारी ने बताया सबसे पहले तो मैकेनिकल मीटर आते थे, जिसमें चुंबक का भी इस्तेमाल होता था. उसके बाद में फिर हाइब्रिड मीटर आना चालू हुए. ये 80 के दशक के बताए जाते हैं और ये लगाए भी गए हैं. इसके बाद फिर इलेक्ट्रॉनिक मीटर आए, जिसमें मेटल कम से कम होती थी और फाइबर का यूज़ ज्यादा होता था. वो साइज में भी थोड़ा छोटा रहता था, जिसे घर पर लगाने में आसानी होती थी.


त्रुटिरहित रीडिंग के लिए ये होता था मीटर का प्रोसीजर
कंपनी के संग्रह में सेमी इलेक्ट्रोमैकेनिकल मीटर, रेडियो फ्रीक्वेंसी आधारित मीटर और ब्ल्यूटूथ तकनीक वाले सबसे ज्यादा मीटर शामिल हैं. मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत् वितरण लिमिटेड में बने संग्रहालय प्रभारी ने बताया ये स्मार्ट मीटर है. यह अलग-अलग तरीके के डेटा संग्रहित करते हैं और जो उपभोक्ताओं के लाभ के हिसाब से डिस्कॉम के अलग-अलग जो भी पैरामीटर्स हैं या जो मापन है उसके हिसाब से रहते हैं. यह 1 दिन में 96 बार रीडिंग कर सकते हैं. इन्हें 15 मिनट की ईच रीडिंग भी कर सकता है और फूली ऐक्युरेसी वाली रीडिंग रहती है. इससे बिल बिल्कुल त्रुटिरहित प्राप्त होता है.


मध्य प्रदेश के हर शहर में लगेंगे स्मार्ट मीटर
वितरण कंपनी पश्चिम मध्य प्रदेश में पुराने मीटरों को बदलकर नए मीटर लगाने का काम कर रही है. मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत् वितरण लिमिटेड में बने संग्रहालय प्रभारी ने बताया डिस्कॉम का यही उद्देश्य है, जो अभी हमने इंदौर सहित छह सात शहर लिए थे. उसमें से दो शहर पूर्णतः स्मार्ट मीटरीकृत हो गए हैं और अन्य शहर रतलाम, उज्जैन, देवास से और इंदौर शहर में स्मार्ट मीटर में तेजी लाई गई है.


ये भी आगामी समय में स्मार्ट मीटरीकृत हो जाएंगे या नहीं यहां पर कोई भी मीटर रीडर से रीडिग नहीं होगी और ऑटोमैटिक रीडर रीडिंग अपने आप एक तारीख को मिल जाया करेगी. कंपनी के मुताबिक अब तक अत्याधुनिक तकनीक वाले लगभग 4 लाख स्मार्ट डिजिटल मीटर लगाए जा चुके हैं.  


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