Shivraj Birthday Special: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राजनीति में एक ऐसा चेहरा है जिन्होंने प्रदेश की साढ़े करोड़ जनता को रिश्तेदारी के बंधन बांध रखा है. मामा, भैया सहित कई नामों से पहचाने जाने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के राजनीतिक जीवन की शुरुआत "पग भैया" नाम से हुई थी. इसी नाम ने उन्हें पूरे प्रदेश में पहचान दिलाई और उसी मेहनत की बदौलत शिवराज सिंह चौहान राजनीति के बड़े खिलाड़ी बन गए.


मध्यप्रदेश के सीहोर जिले का छोटा सा गांव "जैत" आज पूरे देश में जाना जाता है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता युवा मोर्चा में प्रदेश अध्यक्ष का पद भी संभाला. राष्ट्रीय स्वयंसेवक के प्रचारक के रूप में भी शिवराज सिंह चौहान ने अपनी अलग पहचान बनाई. अपने इलाकों में शिवराज सिंह चौहान पाग भैया के नाम से जाने जाते रहे हैं, अर्थात पैदल चलने वाले भैया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुरू से ही काफी संघर्षशील और जुझारू नेता रहे हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन के पहले दशक में कभी भी वाहनों का उपयोग नहीं किया. वे पैदल ही कई किलोमीटर तक एक गांव से दूसरे गांव तक सफर करते रहे. उन्होंने धरातल पर लोगों के बीच जाकर अपनी जमीन तैयार की. इसके अलावा लोगों का विश्वास जीता और लोगों के लिए काफी लड़ाई भी लड़ी. इसके बाद उन्हें लगातार सफलताएं मिलती चली गई. 


नेताओं ने पहले ही बना लिया था नेतृत्व का मन


शिवराज सिंह चौहान के बारे में पूर्व मंत्री और विधायक पारस जैन बताते हैं कि जब पहली बार विधायक बनकर आए शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में अपने तेवर दिखाए तो राजनीति के दिग्गजों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शिवराज सिंह चौहान लंबी रेस के घोड़े है. वे एक क्षेत्र नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का नेतृत्व करेंगे.  आज इतिहास गवाह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजनीति को समाज सेवा से जोड़कर एक अलग ही पहचान बनाई है.


"मामा" और "भैया" के रूप में पहचान


शिवराज सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के मुताबिक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ऐसे पहले नेता है जिनकी पूरे मध्यप्रदेश में रिश्तेदारी है. कहीं वे भाई के रूप में जाने जाते हैं तो कहीं मामा के रूप में पहचाने जाते हैं.  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरे प्रदेश को अपना परिवार मानते हैं. यही वजह है कि जब प्रदेश के या यहां की जनता के बारे में कोई भी गलत टिप्पणी करता है, तो वे खुलकर विरोध करने लग जाते हैं. 


मुख्यमंत्री बने लेकिन छोड़ी नहीं जमीन


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय जनता युवा मोर्चा, भारतीय जनता पार्टी सहित बीजेपी से जुड़े अलग-अलग संगठनों के लिए कई महत्वपूर्ण पदों पर दायित्वों का निर्वहन किया. इसके अलावा विधायक, सांसद, प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे लेकिन उन्होंने कभी जमीन नहीं छोड़ी. आज भी वे अपने क्षेत्र में जनता के बीच "भैया" के रूप में ही पहचाने जाते हैं. सीएम के विधानसभा क्षेत्र में आज तक उन्हें किसी ने "मुख्यमंत्री" कहकर संबोधित नहीं किया.  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जहां भी जाते हैं, वहां कार्यक्रम से पहले बेटियों का पूजन करते हैं. इसके बाद सरकारी कार्यक्रम की शुरुआत होती है. उन्होंने हर क्षेत्र के लिए काम किया लेकिन उनका दृष्टिकोण हमेशा जनता से जुड़ा रहा, इसी वजह से वे सफल नेताओं के रूप में चुने जाते रहे है.