UPSC Results 2023: नाम भी एक और रोल नंबर भी एक! 184वीं रैंक को लेकर दो 'आयशा' कर रहीं दावा
UPSC Results 2023: यूपीएससी की परीक्षा में आयशा नाम की दो उम्मीदवारों ने अपने सफल होने का दावा करते हुए विचित्र स्थिति पैदा कर दी है. दोनों उम्मीदवार मध्यप्रदेश के अलीराजपुर और देवास की रहने वाली है.
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Civil Service Results 2023: यूपीएससी की परीक्षा में 184 रैंक को लेकर मध्य प्रदेश की दो उम्मीदवार दावा कर रही हैं. दोनों का नाम और रोल नंबर एक ही बताया जा रहा है. हालांकि, रैंक किसकी आई है, इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो रही. अब देश की सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा में एक ही रोल नंबर और नाम की वजह से रिजल्ट पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
दरअसल, जैसे ही यूपीएससी का परीक्षा परिणाम सामने आया, वैसे ही मध्य प्रदेश के देवास और अलीराजपुर में खुशियां मनाई जाने लगीं. आयशा नाम की दोनों उम्मीदवारों ने सिलेक्ट होने का दावा करते हुए लोगों की बधाइयां स्वीकार करना शुरू कर दीं. देवास की आयशा फातिमा का दावा मजबूत दिखाई दे रहा है. उनके रोल नंबर पर क्यूआर कोड भी दिखाई दे रहा है, जबकि अलीराजपुर की आयशा के प्रवेश पत्र पर क्यूआर कोड दिखाई नहीं दे रहा.
अलीराजपुर की आयशा को आया UPSC की तरफ से मेल
दोनों ही दावेदारों के एक ही रोल नंबर 7811744 बताए जा रहे हैं. दोनों का नाम समान होने की वजह से ऐसी स्थिति बनना बाताय जा रहा है. इस दौरान अलीराजपुर की आयशा को एक मेल भी यूपीएससी की ओर से आया है, जिसमें उन्हें बताया गया है कि तीन लोगों के एक जैसा नाम होने की वजह से नाम में परिवर्तन किया गया है.
UPSC निकालने के लिए 10 से 12 घंटे की पढ़ाई
देवास की रहने वाली आयशा फातिमा के पिता का नाम नजीरुद्दीन है, जबकि अलीराजपुर की आयशा के पिता का नाम सलीमुद्दीन है. आयशा फातिमा ने बताया कि उन्होंने यूपीएससी क्लियर करने के लिए 10-12 घंटे रोज पढ़ाई की थी. उन्होंने हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी में भी काफी अच्छे अंक हासिल किए थे, जिसके बाद इंजीनियरिंग की और फिर सिविल सर्विसेज की तैयारी की. 184 रैंक में उन्होंने आईपीएस कैडर मिलने की पूरी उम्मीद है.
दोनों आयशा ने किए इंटरव्यू के दावे
आयशा फातिमा ने अपनी पूर्ण सफलता को लेकर सटीक दावा किया है और उनका कहना है कि परीक्षा परिणाम उन्हीं का है, जबकि अलीराजपुर की आयशा मकरानी का दावा है कि उन्होंने भी 10 से 12 घंटे पढ़ाई कर सफलता अर्जित की है. आयशा मकरानी के भाई शहबाजुद्दीन का कहना है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.
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