Jabalpur News: जबलपुर (Jabalpur) की स्वाति शर्मा ने यूपीएससी में 15वीं रैंक हासिल की है. उन्होंने अपने तीसरे अटेम्प्ट में यह उपलब्धि हासिल की है. स्वाति बेहद साधारण परिवार से आती है. उन्होंने बड़ी मेहनत के बाद यूपीएससी का एग्जाम क्रैक किया है. स्वाति का लक्ष्य समाज में शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए काम करने का है.


देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी को जबलपुर की रहने वाली एक साधारण परिवार की लड़की स्वाति ने पास कर लिया है. स्वाति शर्मा ने यूपीएससी में 15वीं रैंक हासिल की है. 25 साल की  स्वाति शर्मा ने अपने तीसरे अटेम्प में यूपीएससी एग्जाम को पास किया है. एबीपी न्यूज से बातचीत में स्वाति शर्मा ने बताया कि वह बेहद साधारण परिवार और सामान्य पृष्ठभूमि से आती हैं.  उनके पिता सतना जिले की मैहर तहसील में ट्रांसपोर्टर का काम करते हैं. 


जबलपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की
उनकी मां हाउसवाइफ हैं. स्वाति ने जबलपुर के एक कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है .उन्होंने 2019 में पहली बार यूपीएससी का एग्जाम दिया था. पहले और दूसरे मौके में उसे सफलता नहीं मिल पाई, लेकिन तीसरे मौके पर उन्होंने बाजी मार ली. सफलता के नए आसमान छूने वाली स्वाति का कहना है कि,"सफलता के लिए कोई मंत्र नहीं है. केवल एकाग्रता और लक्ष्य के प्रति समर्पण ही आपको सफलता दिला सकता है.


पढ़ाई के दौरान आईएएस बनने का सपना देखा
स्वाति ने बताया कि उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान आईएएस बनने का सपना देख लिया था. उनके पिता धनेंद्र शर्मा उन्हें लगातार यूपीएससी एग्जाम पास करने के लिए प्रेरित करते थे. इसके बाद वह लगातार अपने सपने को साकार करने में जुट गई. इस सफलता के लिए स्वाति ने पिता धनेंद्र शर्मा के साथ मां ममता शर्मा को श्रेय दिया है .स्वाति ने कहा की सफलता के पीछे उनके माता-पिता का बड़ा हाथ है.


स्वाति ने कहा कि वह समाज में महिला सशक्तिकरण और शिक्षा के लिए काम करना चाहती हैं. क्योंकि अगर शिक्षा महिलाओं को मिलती है तो निश्चित तौर पर समाज में उन्नति बढ़ती है. स्वाति का कहना है कि वह मध्य प्रदेश या राजस्थान कैडर में रहकर अपने इस लक्ष्य को हासिल करना चाहती है. यूपीएससी परीक्षा का परिणाम आने के बाद न केवल स्वाति के परिवार बल्कि आस-पड़ोस के लोगों में भी खुशी का माहौल है.


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