Forgery in Vaccination Certificate: कोविड टीकाकरण का महाअभियान में लक्ष्य का दबाव इतना बढ़ गया कि मरे हुए व्यक्तियों को ही कोरोना को दूसरा टीका लगाने का प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है. शख्स की मृत्यु कई महीने पहले ही हो गई थी. टीकाकरण महाअभियान में भी आंकड़ों की स्थिति साफ नहीं हो रही है. टारगेट पूरा करने के फेर में नगर निकाय और स्वास्थ्य अमला ऐसे लोगों को वैक्सीन का दूसरा डोज का सर्टिफिकेट जारी कर रहा है जिनको डोज लगा ही नहीं और उससे पहले ही उनकी मौत हो गई.
वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में हो रहा है फर्जीवाड़ा
मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में वैक्सीनेशन में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. टारगेट पूरा करने के फेर में नगर निकाय और स्वास्थ्य अमला ऐसे लोगों को वैक्सीन का दूसरा डोज का सर्टिफिकेट जारी कर रहा है. जिनको डोज लगा ही नहीं और उससे पहले ही उनकी मौत हो गई. जिले की नगर पालिका महाराजपुर और स्वास्थ विभाग की कोविड-19 टीम का अजब कारनामा सामने आया, जहां पर टीमों द्वारा मरे हुए व्यक्तियों के पास ही टीम द्वारा कोरोना वायरस का डोज लगाया गया.
वैक्सीनेशन का मैसेज देख सब हैरान
जिले के महाराजपुर में नगर पालिका और स्वास्थ्य विभाग ने कुछ माह पहले मर चुके व्यक्तियों को कोरोना वायरस इन का दूसरा डोज लगा दिया. इस बात का खुलासा मृतक के परिजनों ने वैक्सीन लगने का मैसेज पहुंचने पर किया. इतना ही नहीं मृतक के नाम का दूसरा डोज लगने का प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया. दूसरे डोज लगाने का मैसेज मृतक द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले फोन पर मिला तो वह भी हैरान रह गए. वहीं इस मामले पर परिजनों ने चुप्पी साध रखी है. मगर बातों ही बातों में परिजनों ने यह बात घर पर पहुंचने पर स्वीकार कर ली. इस तरह के 2 मामले सामने आए हैं पहला मामला शंभू दयाल चौरसिया को मरने के बाद प्रमाण पत्र जारी किया गया. वहीं दूसरा मामला द्वारका प्रसाद को भी मरने के बाद उनके दूसरी वैक्सिंन लगने का प्रमाण पत्र जारी किया गया. छतरपुर के महाराजपुर चिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक कुमार ने कहा कि चूंकि बड़े पैमाने पर टीकाकरण किया जा रहा है. इसलिए संभव है कि प्रविष्टि करते समय गलत मोबाइल नंबर दर्ज हो गया हो. यदि ऐसा हुआ है तो इस गलती को सुधारा जाएगा.
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