MP News: वैलेंटाइन डे की तारीख नजदीक आ रही है. वैलेंटाइन डे को लेकर जहां युवाओं में काफी उत्साह दिखाई देता है. वहीं, विश्व हिंदू परिषद(VHP), बजरंग दल (Bajrang Dal) सहित अन्य हिंदूवादी संगठनों ने अभी से मोरल पुलिसिंग (Moral Policing) शुरू कर दी है.  हिंदूवादी संगठनों ने वैलेंटाइन डे (Valentine Day) को मातृ-पितृ दिवस (Parents Worship Day) के रूप में मनाने का फैसला लिया है. इस दौरान हिंदूवादी संगठन के लोगों ने युवाओं से अपील की है कि वे इस अपने माता-पिता की पूजा कर मातृ-पितृ दिवस दिवस को मनाएं.


गौरतलब है कि पाश्चात्य संस्कृति के नाम पर हिंदूवादी संगठन लगातार वैलेंटाइन डे का विरोध करते आ रहे हैं. इसी कड़ी में वैलेंटाइन डे का भी हिंदूवादी संगठन विरोध करते हैं. इसी कड़ी में  हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने वैलेंटाइन डे के दिन इस बार माता-पिता की पूजा कर मातृ और पितृ दिवस मनाने और अपने माता-पिता की सेवा का संकल्प लिया है. बजरंग दल के जिला संयोजक अंकित चौबे ने बताया कि युवाओं को हिंदूवादी संगठनों द्वारा माता पिता के पैर पूजने और उनके सपने को साकार करने के उद्देश्य से 14 फरवरी को मातृ-पितृ दिवस के रूप में मनाया जाएगा. इस दौरान हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं और नेताओं द्वारा भी परंपरा का निर्वहन किया जाएगा. इससे युवा पीढ़ी को नई सोच के साथ काम करने का मौका भी मिलेगा. 


बहनों की भी पूजा करेंगे बजरंगी


वहीं, बजरंग दल नेता अंकित ने बताया कि वैलेंटाइन डे के मौके पर छोटी-छोटी बहनों की भी पूजा की जाएगी. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश के सभी जिलों में हिंदूवादी संगठनों द्वारा वैलेंटाइन डे का हमेशा से विरोध किया जाता रहा है. इस बार भी हमारा विरोध कायम रहेगा. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि मातृ-पितृ दिवस की लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है.मध्य प्रदेश के सभी जिलों में हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं और नेताओं द्वारा मातृ पितृ दिवस का प्रचार प्रसार किया जा रहा है. 


'अश्लीलता' फैलाने वालों पर रहेगी नजर


विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय सह संयोजक विनोद शर्मा ने बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर पाश्चात्य संस्कृति को बढ़ावा देते हुए अश्लीलता फैलाने वालों के खिलाफ हिंदूवादी संगठन निगाह रखी जाएगी. युवाओं से भी अपील की जाएगी वे अपनी संस्कृति का प्रचार-प्रसार करें, वे पाश्चात्य संस्कृति को अपनाने की बजाय भारत की संस्कृति और अपने वरिष्ठ जनों के पद चिन्हों पर चलें. 


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