Ujjain Kalidas Samaroh: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उज्जैन में कालिदास समारोह का औपचारिक शुभारंभ किया. यहां पर एमपी के सीएम मोहम यादव और राज्यपाल भी मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने कवि कालिदास के जीवन पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि अद्भुत प्रतिभा के धनी महाकवि कालिदास की अमर कृतियां मानव तथा प्रकृति के अटूट संबंधों का अनुपम उदाहरण हैं. 


उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 66वें भव्य अखिल भारतीय कालिदास समारोह का विद्वतजनों की उपस्थिति में गरिमामय शुभारंभ किया. उपराष्ट्रपति ने कहा कि ये हमारे 5000 वर्षो की सांस्कृतिक विरासत है. उन्होंने आगे कहा, "उज्जैन नगरी को मेरा कोटी-कोटी वंदन. धार्मिक नगरी के इस ऐतिहासिक क्षण को मैं हमेशा याद रखूंगा."


राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने की अध्यक्षता


समारोह की अध्यक्षता प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने की. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की समारोह में गरिमामय उपस्थिति रही. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस अवसर पर कहा कि महाकवि कालिदास की अमर कृतियां मानवीय भावों को अद्भुत रूप से प्रदर्शित करती हैं. शुभारंभ स्वरों को मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी संबोधित किया. कालिदास समारोह में देश भर के ख्यात‌नाम कलाकार हिस्सा ले रहे हैं.


विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाली प्रतिभाओं को राष्ट्रीय कालिदास सम्मान


उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाली प्रतिभाओं को राष्ट्रीय कालिदास सम्मान अलंकरण से सम्मानित किया. शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में वर्ष 2022 के लिए पंडित उदय भवालकर पुणे और डॉ. संध्या पूरेचा मुंबई एवं वर्ष 2023 के लिए पंडित अरविंद पारीख मुंबई को सम्मानित किया गया.


रूपंकर कलाएं वर्ष 2022 के लिए पी.आर. दारोच नई दिल्ली, रूपंकर कलाएं वर्ष 2023 के लिए रघुपति भट्ट मैसूर, रंगकर्म वर्ष 2022 के लिए भानु भारती अजमेर, रंगकर्म वर्ष 2023 के लिए रुद्रप्रसाद सेनगुप्ता कोलकाता को सम्मानित किया गया. शास्त्रीय नृत्य के लिए गुरु कलावती देवी मणीपुर सम्मानित की गई. 


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