Jagdeep Dhankhar in Jabalpur: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने जबलपुर (Jabalpur) में न्यायिक क्षेत्र से जुड़े एक कार्यक्रम कहा कि न्यायपालिका की आलोचना पर अंकुश लगना चाहिए. अगर लोकतंत्र और न्यायपालिका को काम करना है तो अपना दायरा निर्धारित करना होगा. देश के पूर्व चीफ जस्टिस स्वर्गीय जे एस वर्मा की याद में जबलपुर में आयोजित मेमोरियल लेक्चर में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने आए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका के वर्तमान कामकाज पर बड़े बयान दिए.


इस दौरान उपराष्ट्रपति धनखड़ का कहना था कि अब वक्त आ गया है,जब विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को संविधान के दायरे में रहकर काम करने की जरूरत है और इन तमाम मसलों पर तीनों ही मजबूत स्तंभो को मंथन भी करना होगा. मंचीय संबोधन में देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जस्टिस जेएस वर्मा की याद में आयोजित कार्यक्रम के लिए आयोजकों को जहां बधाई दी. वहीं राजस्थान हाई कोर्ट में आए विशाखा जजमेंट का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि उस वक्त जस्टिस वर्मा की सोच और न्याय का तरीका व्यापक और दूरदर्शी था. यही वजह है कि कई सालों पहले कामकाजी महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचार को रोकने आए विशाखा विरुद्ध राजस्थान सरकार जजमेंट का आज देशभर में पालन हो रहा है.


कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं- जगदीप धनखड़


कानून मसलों पर अपनी राय रखते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा की स्वतंत्रता के वक्त जब देश में आबादी 36 करोड़ थी तो वही आज देश में 136 करोड़ लोग हैं. कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है और अगर कोई खुद को ऐसा समझता है तो यह देश की संवैधानिक ढांचे के प्रति उसका अपमान है. इतना ही नहीं उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने न्यायाधीशों पर आए दिन उंगली उठाने और उनकी आलोचना करने जैसे मसलों पर गंभीरता जताई. उनका कहना था कि यह दायित्व है न्यायपालिका के अलावा मीडिया का और समाज का भी है कि वह ऐसी आलोचनाओं का विरोध करें और उसे होने से रोके.


सीएम शिवराज सिंह चौहान की जमकर की तारीफ


उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भी तारीफ की. उन्होंने कहा कि शिवराज जी सॉफ्ट है लेकिन अंदर से उतना ही सख्त है और वे किसी भी बात को नहीं भूलते. इस बात के पीछे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब मैं उपराष्ट्रपति बना तो सीएम शिवराज सिंह चौहान वो पहले व्यक्ति थे जिन्होंने इस नए पद पर जिम्मेदारी मिलने के बाद मुझे प्रदेश आने का न्योता दिया था. मैंने भी उन्हें आश्वस्त किया था कि बतौर उपराष्ट्रपति वे सबसे पहले मध्य प्रदेश ही जाएंगे.


जस्टिस जे एस वर्मा मेमोरीयल लेक्चर कार्यक्रम में राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय किशन कॉल और जे के महेश्वरी, मध्यप्रदेश के चीफ जस्टिस रवि मलिमथ, कार्यक्रम संयोजक सांसद विवेक तंखा सहित न्याय क्षेत्र की तमाम हस्तियां मौजूद थीं.


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