मध्य प्रदेश जाएंगे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, इस विशेष कार्यक्रम में होंगे शामिल
World Sickle Cell Day: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) के मध्य प्रदेश दौरे को देखते हुए सुरक्षा की व्यापक तैयारियां की गयी हैं. पुलिस मैदान में हेलीपैड बनाया गया है.
MP News: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) 19 जून को मध्य प्रदेश के डिंडौरी (Dindori) आ रहे हैं. एकदिवसीय प्रवास के दौरान धनखड़ विश्व सिकल सेल दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे. राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. कलेक्टर विकास मिश्रा ने बताया कि कार्यक्रम ढाई घंटे का होगा.
चंद्र विजय महाविद्यालय मैदान पर कल सुबह 10 बजे विश्व सिकल सेल दिवस समारोह में स्वास्थ्य, आयुष, महिला और बाल विकास, आदिवासी विकास और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की ओर से प्रदर्शनी लगाई जाएगी. कार्यक्रम स्थल की वायु सेना के हेलीकॉप्टर निगरानी कर रहे हैं. पूरे शहर में सुरक्षा बल तैनात है. पुलिस मैदान में हैलीपेड बनाया गया है. कलेक्टर मिश्रा ने बताया कि डिंडौरी में स्वास्थ्य विभाग ने अब तक 2 लाख 2 हजार 178 लोगों का परीक्षण किया है. सिकल सेल के 11 हजार 559 वाहक और 1963 मरीज चिह्नित किए गए है. अमरपुर ब्लॉक में सिकल सेल के सबसे ज्यादा 4871 वाहक और 1150 पीड़ित हैं.
कल डिंडौरी आ रहे हैं उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
बता दें कि शहडोल जिले में 1 जुलाई 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक सिकल सेल एनीमिया से भारत को मुक्ति दिलाने का कार्यक्रम लांच किया था. उन्होंने कहा था कि सिकल सेल एनीमिया की बीमारी बहुत कष्टकारी होती है. लंबे समय तक दर्द सहने से शरीर के अंदरूनी अंग भी क्षतिग्रस्त होने लगते हैं. आनुवांशिक सिकल सेल एनीमिया की बीमारी परिवारों को भी बिखेर देती है. आज रानी दुर्गावती की प्रेरणा से सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन की शुरुआत हो रही है.
विश्व सिकल सेल दिवस के कार्यक्रम में होंगे शामिल
20 जिलों के 42 आदिवासी गांवों में सिकल सेल एनीमिया बीमारी पांव पसार चुकी है. घातक बीमारी को हराने में अब राज्य के विश्वविद्यालय अहम भूमिका निभा रहे हैं. आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में विश्वविद्यालयों की तरफ से जागरूकता अभियान चलाने के साथ उचित इलाज भी मुहैया कराया जा रहा है. ग्रामीणों की सैंपलिंग की जा रही है. जबलपुर की रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी ने मंडला के 5 गांव करवानी, औरैया, समनापुर, जमुनिया और धोबी गांवों को गोद लिया है. गांवों में विशेष शिविर लगाकर अभी तक 75 लोगों के नमूने लेने के साथ दवाइयां भी उपलब्ध कराई गई हैं.
सिकल सेल एनीमिया की बीमारी वंशानुगत है. परिवार में एक सदस्य के पीडित होने से दूसरे सदस्य भी प्रभावित होते हैं. जानकारी होने तक काफी देर हो चुकी होती है. लिहाजा जागरूकता के जरिये आदिवासी परिवारों को सिकल सेल एनीमिया की बीमारी से दूर रखा जा सकता है. सिकेल सेल एनीमिया एक प्रकार का रक्त विकार है. बीमारी के कारण लाल रक्त कोशिकाएं सी शेप, अर्धचंद्राकार या सिकेल शेप में बदल जाती हैं. बच्चों को भी बीमारी घेर लेती है.
WATCH: कौन है बिन्नू रानी? दिग्विजय सिंह से मिलने पहुंची भोपाल, 'दिग्गी राजा' ने खूब किया लाड