जबलपुर: पारिवारिक विवाद सुलझाने के लिए पुलिस की मदद से काम कर रहे परिवार परामर्श केंद्र में अधिकांश बहुएं अपने पति या सास-ससुर की प्रताड़ना को प्रामाणित करने के लिए आजकल वीडियो सबूत पेश कर रही है. कुछ भी विवाद होने पर वे अपने स्मार्टफोन को कभी छिपकर तो कभी ससुराल वालों की जानकारी में वीडियो रिकॉर्डिंग मोड़ में डाल देती है.
जबलपुर में कई बरसों से बतौर फैमिली काउंसलर काम कर रहे अंशुमान शुक्ला का कहना है कि आजकल ये ट्रेंड चल निकला है.पारिवारिक विवाद के अधिकांश केस में मोबाइल फोन की वीडियो रिकॉर्डिंग भी शिकायत के साथ दी जा रही है. हमारा काम पारिवारिक विवाद को आपसी समझ और समझौते से निपटाना है,इसलिए हम उसके गुण-दोषों पर नही जाते लेकिन यह सच है कि हमारे पास जबलपुर के साथ पूरे देश से इलेक्ट्रॉनिक सबूत विवाहित लड़की या उसके माता-पिता द्वारा भेजे जाते हैं.
कानूनी कार्रवाई का आधार मजबूत करने के लिए बनाई जा रही वीडियो
अंशुमान शुक्ला का कहना है कि बहुत बार तो मां खुद अपनी बेटी को एक से दो मोबाइल और उसमें सिम लगाकर देती है ताकि वो वीडियो रिकॉर्डिंग करके उनके पास भेजे जिससे कानूनी करवाई का आधार मजबूत हो. हालांकि कभी-कभी लड़का पक्ष भी ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ लड़की की शिकायत लेकर आता है.
इन वजहों से होते हैं पारिवारिक झगड़े
परिवार परामर्श केंद्र का अध्ययन कहता है कि बेरोजगारी,नशाखोरी के साथ अधिकांश पारिवारिक झगड़े की वजह विवाह से इतर प्रेम प्रसंग,दहेज,घरेलू कामकाज,सास-ससुर से पटरी न बैठना,संयुक्त परिवार में नहीं रहना आदि होता है.
परिवार परामर्श केंद्र में हर हफ्ते लगभग 80 मामले समझाईश के लिए आते हैं
जबलपुर के परिवार परामर्श केंद्र में हर हफ्ते लगभग 80 मामले समझाईश और समझौते के लिए आते है जिसमे से करीब 48 प्रतिशत मामलों का पटाक्षेप बिना किसी कानूनी हस्तक्षेप के राजी-खुशी से हो जाता है.जिन मामलों में समझौता नहीं हो पाता,उन्हें न्यायालय जाने की सलाह दी जाती है. फिलहाल ऑनलाइन मिडिटेशन चल रहा है.
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