MP News: मध्य प्रदेश में बिजली कटौती शिवराज सरकार के लिए फजीहत बन गई है. अब तो प्रदेश के मंत्री भी इस बात को मानने लगे हैं कि अगर बिजली कटौती की समस्या का जल्द ही निदान नहीं किया गया तो भारतीय जनता पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. प्रदेश के कृषि मंत्री का एक ऐसा ही वीडियो वायरल हुआ है. प्रदेश में इस समय बिजली कटौती से लोग परेशान हैं. इसको लेकर कांग्रेस भी सरकार पर हमलावर है. उसने सरकार से बिजली संकट पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है. वहीं सरकार ने बिजली संकट का मुकाबला करने के लिए कोयला आयात करने का फैसला किया है.
क्या कहा है कि कृषि मंत्री ने
कृषि मंत्री कमल पटेल हरदा का प्रतिनिधित्व करते हैं. हरदा के साथ-साथ नर्मदापुरम (होशंगाबाद) आदि क्षेत्र पूरी तरीके से कृषि पर निर्भर है. वर्तमान समय में मूंग की फसल को पानी की बेहद आवश्यकता है. इसे लेकर किसान लगातार कृषि मंत्री कमल पटेल से शिकायत कर रहे हैं. किसानों ने कृषि मंत्री बिजली कटौती बंद करने की मांग की. इस पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने मोबाइल पर सीधे ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर से बातचीत की. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में किसानों को मूंग की फसल में 4000 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ सकता है. ऐसी स्थिति में कम से कम 10 घंटे ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली दी जानी बेहद जरूरी है. उन्होंने यह तक कह दिया कि यदि किसानों को नुकसान उठाना पड़ा तो हमें निपटा देंगे. मतलब साफ है कि आगामी विधानसभा चुनाव 2023 में भारतीय जनता पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है.
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पंचायत चुनाव को भी हरी झंडी मिल गई है. बिजली कटौती का खमियाजा बीजेपी को पंचायत चुनाव में भी भुगतना पड़ सकता है. कृषि मंत्री कमल पटेल ऊर्जा मंत्री से यह तक कहा कि उनके द्वारा एमडी से बातचीत की गई है, मगर ऊर्जा मंत्री से भी उन्होंने एमडी को निर्देश जारी करने का आग्रह किया है.
लोड शैडिंग के नाम पर हो रही है कटौती
कृषि मंत्री ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर से यह भी कहा कि लोड शैडिंग के नाम पर बिजली विभाग द्वारा लगातार बिजली कटौती की जा रही है, जिसकी वजह से किसान बहुत परेशान हैं. गौरतलब है कि कांग्रेसी भी बिजली कटौती को लेकर बीजेपी की शिवराज सरकार हमला बोल चुकी है. मध्य प्रदेश में लगातार बिजली संकट गहराता जा रहा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया है कि मध्य प्रदेश में सरकारी इमारतों और कार्यालयों पर सौर ऊर्जा की बिजली से उजाला होगा.
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