MP Crime News: विदिशा में हजारों लोगों के साथ चिटफंड कंपनी की ठगी का मामला सामने आया है. बेतवांचल इंडिया निधि लिमिटेड नामक चिटफंड कंपनी निवेशकों का करीब 10 करोड़ लेकर फरार हो गई. कंपनी के फरार होने की खबर सुनकर निवेशकों में हड़कंप मच गया. लोग चिटफंड कंपनी के दफ्तर पहुंचे. दफ्तर पर ताले लटके हुए मिले. कंपनी के संचालकों का नंबर भी स्विच ऑफ मिला. खबर फैलने के साथ लोगों की भीड़ जमा हो गयी.
लोगों ने सिविल लाइंस थाने और पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर अधिकारियों को दुखड़ा सुनाया. उन्होंने अधिकारियों से निवेश की रकम दिलाने की मांग की. बड़ी संख्या में आई शिकायतों को देखते हुए पुलिस अधीक्षक रोहित केसवानी ने विशेष जांच दल का गठन कर दिया है. अफरा तफरी का फायदा उठाते हुए कंपनी का एक संचालक सुबह दफ्तर पहुंचा. संचालक सामान निकालने और सबूत मिटाने की नियत से आया था. लोगों को संचालक के आने की भनक लग गई. उन्होंने पुलिस को सूचना दे दी. पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुए संचालक को गिरफ्तार कर दफ्तर सील कर दिया है. चिटफंड कंपनी के एजेंट लोगों को ज्यादा मुनाफे का लालच देते थे.
ज्यादा मुनाफा के झांसे में आये लोग
हजारों लोगों ने मेहनत की कमाई चिटफंड कंपनी में निवेश कर दी. चिटफंड कंपनी के एजेंट रायसेन जिले तक फैल गये. भोले भाले लोगों को सपने दिखाकर गाढ़ी कमाई कंपनी के खाते में जमा कराई जाती. एजेंट के निशाने पर ज्यादातर छोटे दुकानदार होते थे. कियोस्क चलाने वाले अनिकेत लोधी ने बताया कि बेतवांचल इंडिया निधि लिमिटेड चिटफंड कंपनी में 80 हजार रुपये का निवेश किया था. कंपनी में हजारों लोगों ने करोड़ों रुपये जमा करवा कर रखे हैं.
चिटफंड कंपनी रकम लेकर फरार
निवेशकों में ज्यादातर पंचर जोड़ने वाले, दुकानों पर नौकरी करने वाले, पाने वाले, हेयर सैलून वाले, छोटे दुकानदारों और घरेलू महिलाएं शामिल हैं. जिला रायसेन के सांची से विदिशा कलेक्ट्रेट में शिकायत करने आए होटल संचालक रवि साहू और मोबाइल की दुकान चलाने वाले शाहबाज खान ने बताया कि चिटफंड कंपनी ने लाखों रुपये का चूना लगाया है. 60 वर्षीय राजपूत अहमदपुर क्षेत्र में पंचर की दुकान चलाते हैं. उन्होंने बताया कि दिनभर की कमाई कंपनी के खाते में जमा करते थे. सोचा था बुढ़ापे में रकम काम आयेगी.
अब चिटफंड कंपनी ने बुढ़ापे का सहारा छीन लिया है. समझ नहीं आ रहा कि क्या करूं. ऐसा ही हाल सागर पुलिया क्षेत्र में खुली सड़क पर पंचर की दुकान चलाने वाले 60 वर्षीय हरीश जैन का है. उन्होंने बुढ़ापे में सहायता और बच्चों की शादी के लिए पाई पाई जोड़ी थी. चिटफंड कंपनी की करतूत से अब सब खत्म हो गया. रुपये मिलने की उम्मीद नहीं के बराबर है. सवाल विदिशा प्रशासन पर भी उठ रहे हैं. प्रशासन की नाक के नीचे वर्षों तक फर्जी कंपनी चलती रही और भनक तक नहीं लगी. ठगी का मामला सामने आने के बाद प्रशासन की नींद टूटी है. जांच दल बनाकर कार्रवाई की बात कही जा रही है.
(रिपोर्ट- प्रीतेश अग्रवाल)
ये भी पढ़ें-
नाम बदलकर युवतियों से दोस्ती, आपत्तिजनक वीडियो बनाकर ब्लैकमेंलिंग, पुलिस ने शुरू की जांच