विदिशा प्रशासन और उससे जुड़े जिम्मेदार मध्य प्रदेश में विगत वर्षों में घटी घटनाओं से शायद अभी तक सबक नहीं ले पाए हैं. मध्य प्रदेश के विदिशा क्षेत्र में इस प्रकार की घटना पहले भी घट चुकी है. ताजा मामला विदिशा जिले के नंदवाना क्षेत्र से जुड़ा है जहां पर मात्र डेढ़ साल की बच्ची एक 40 फीट गहरे कुएं में गिरने के कारण लोगों की सांसें अटक गई थी. बच्ची का भाग्य अच्छा था इसीलिए कोई दुर्घटना नहीं घटी. अन्यथा लापरवाही के चलते बच्ची की जान भी जा सकती थी. नंदवाना क्षेत्र में लगभग 40 फीट गहरा एक कुआं स्थित है.
बच्ची को बचाने के लिए कूद गया शख्स
शोर सुनकर पास के एक भले व्यक्ति ने बच्ची को बचाने के लिए सीधे कुएं में कूदने का निर्णय लिया और वह व्यक्ति कुएं में कूद गया. इसके बाद आसपास के लोगों की मदद से बच्ची और मदद के लिए कूदे व्यक्ति को निकाला गया. इस घटना के हो जाने तक प्रशासन का कोई भी जिम्मेदार मौके पर उपस्थित नहीं था.
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एक कार्यक्रम में आई थी मां
मीडिया से बच्ची की मां अनीता प्रजापति से घटना के बारे में जानकारी ली तो अनीता ने संवाददाता को बताया कि नरवाना क्षेत्र में स्थित मंदिर में अपनी बच्ची के साथ में भजन कीर्तन में आई हुई थी. घर जाने से पहले कुछ देर के लिए बच्ची खेल रही थी और खेलते-खेलते अचानक वह कुएं के पास चली गई और गिर गई. जैसे ही उसने देखा वह इधर उधर भागने लगी और दौड़ने लगी और आसपास के लोगों को बुलाने लगी.
बच्ची को निकालने का किया गया प्रयास
इस विषय में मोहल्ले के संतोष प्रजापति ने बताया की बच्ची की मां अनीता दौड़ कर मेरे पास आई और उन्होंने मुझे घटना के बारे में बताया तो मैं वहां पहुंचा और आसपास के लोगों को एकत्रित किया. मैं स्वयं कुएं में कूदा और वहां मेरे पड़ोसियों ने बच्ची को निकालने में मदद की. कोई बाल्टी लेकर पहुंचा तो कोई रस्सी लेकर पहुंचा और इस प्रकार से बड़ी मशक्कत के बाद आसपास के लोगों ने मिलकर बच्ची को निकालने का प्रयास किया.
पहले भी घट चुकी है घटना
कुएं में गिरने की वजह से बच्ची के शरीर पर मामूली चोटें आई हैं. बच्ची को बचाने के लिए कुएं में कूदने वाले संतोष के पैर में भी चोट लगी है. जानकारी के अनुसार जब यह घटना घटी उसके बाद से लेकर बच्ची को बाहर निकालने तक प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा इस कार्य में मदद करने के लिए मौके पर नहीं पहुंचा. इससे पहले विदिशा क्षेत्र के ही गंजबासौदा में लाल पठार पर भी एक कुएं में 14 लोगों की जान एक बच्चे को बचाने को लेकर चली गई थी.
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