MP Accident: विदिशा में रफ्तार का कहर, ट्रैक्टर-ट्रॉली की चपेट में आने से बाइक सवार दो छात्रों की मौत
Vidisha Accident: मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में मंगलवार (28 मार्च) को दो छात्र सड़क हादसे का शिकार हो गए. दोनों छात्र 12वीं की परीक्षा देने बाइक से जा रहे थे. मौत की खबर पर परिजनों में कोहराम मच गया.
MP Road Accident: मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में मंगलवार (28 मार्च) को रफ्तार का कहर देखने को मिला. तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्रॉली की चपेट में आने से बाइक पर सवार दो छात्रों की मौत हो गई और दो गंभीर रूप से घायल हो गए. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक समीर यादव ने बताया कि दर्दनाक हादसा सुबह 10.30 बजे विदिशा जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर ग्राम सेऊ के पास हुआ. छात्र मध्य प्रदेश बोर्ड की 12वीं की परीक्षा (Class 12th MP Board Exam) देने जा रहे थे.
सड़क दुर्घटना में 12वीं के दो छात्रों की मौत
समीर यादव ने कहा कि सड़क हादसे में दो छात्रों की मौत हो गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. दोनों घायलों को प्राथमिक इलाज के बाद भोपाल स्थित एक अस्पताल के लिए रेफर किया गया है. समीर यादव ने बताया कि इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है और विस्तृत जांच जारी है. बता दें कि मध्य प्रदेश हाइवे पर होने वाली दुर्घटनाओं में घायलों की जान बचाने के लिए मुफ्त इलाज की व्यवस्था की जा रही है.
योजना के लागू होने पर दुर्घटनास्थल से सबसे नजदीकी अस्पताल में घायल को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज की सुविधा मिल सकेगी. सड़क दुर्घटना के मामले में मध्य प्रदेश का नंबर पहला है. हर साल करीब 60 हजार सड़क दुर्घटना के मामले दर्ज होते हैं. लगभग 12 हजार दुर्घटना का शिकार होकर काल के गाल में समा जाते हैं. मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (MPRDC) ने दुर्घटना में घायलों को फौरन इलाज का ड्राफ्ट तैयार कर नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) को भेजा है.
एमपीआरडीसी के ड्राफ्ट में क्या है सुविधा?
ड्राफ्ट में प्रावधान किया गया है कि सड़क दुर्घटना में घायल होने वाले व्यक्ति के पास आयुष्मान कार्ड या मेडिकल इंश्योरेंस नहीं होने पर भी नजदीकी सरकारी या निजी अस्पताल में पांच लाख तक का मुफ्त इलाज मिलेगा. एनएचएम को हाइवे के नजदीक अस्पतालों की लिस्ट बनाने को कहा गया है. ड्राफ्ट के मुताबिक, गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को तुरंत इलाज की सुविधा मुहैया कराने के लिए नजदीकी अस्पताल को एंबुलेंस का भुगतान किया जाएगा.
शुरुआती 48 घंटे तक ट्रीटमेंट की व्यवस्था रहेगी. इसके बाद परिजन मरीज को सुविधानुसार शिफ्ट कर सकते हैं. एमपीआरडीसी सीईओ सुनील वर्मा के मुताबिक, आयुष्मान और इंश्योरेंस पॉलिसी में मध्य प्रदेश की 60 फीसद से ज्यादा आबादी कवर है. हाइवे के घायलों की मदद के लिए ड्राफ्ट बनाया गया है. जल्द एनएचएम के साथ बैठक कर आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी.