(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Vidisha: दिन में दर्शन के बहाने मंदिरों की रेकी, रात में जेवरात की चोरी, चोर गिरोह का ऐसे हुआ खुलासा
Vidisha News: विदिशा जिले में पिछले चंद महीनों से भगवान के जेवरात की चोरी मामले ने पुलिस की नींद उड़ा दी थी. मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने चोर गिरोह का खुलासा कर दिया.
MP News: विदिशा पुलिस ने मंदिरों को निशाना बनाकर भगवान के जेवरात पर हाथ साफ करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. मामले में पुलिस ने चोर गिरोह के तीन सदस्यों को पकड़ा है. पूछताछ में आरोपियों ने तीन मंदिरों को निशाना बनाकर चोरी की वारदात करना कबूल कर लिया.
बता दें कि कुछ महीनों से विदिशा जिले में मंदिरों को निशाना बनाने की घटनाएं सामने आ रही थी. जांच में जुटी पुलिस को सूचना मिली कि दानखेड़ी मंदिर में दो संदिग्ध भगवान की मूर्तियों को बड़े गौर से देख रहे हैं. मौके पर पहुंचकर पुलिस ने संदिग्धों को धर दबोचा. पूछताछ करने पर पुलिस को गोलमोल जवाब देने लगे.
कड़ाई से पूछताछ करने पर आरोपियों ने वारदात को स्वीकार कर लिया. थाना पठारी स्थित बालाजी मंदिर में चोरी की घटना हुई थी. मंदिर समिति ने 24 जुलाई को शिकायत दर्ज कराई. बताया गया कि बालाजी हनुमान के गहने, चांदी का मुकुट, चांदी के दोनों हाथों का बाजू बंद, चांदी की माला चोरी हो गयी है. चोर बालाजी मंदिर में चैनल गेट का ताला तोड़कर गहने चुरा ले गए हैं.
19 अगस्त को भी विसलोनी के मंदिर से भगवान हनुमान की चांदी का मुकुट, चांदी की 2 आंखें, चांदी की 2 भौंए और एक तिलक को पार कर लिया गया है. चोरों ने हनुमान मंदिर के दरवाजे का ताला तोड़कर घटना को अंजाम दिया. पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी. दोनों मंदिरों में हुई चोरी की घटना से लोगों की धार्मिक भावनाएं भड़की हुई थी. लोग चोरों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर चोरी गए भगवान के जेवर बरामद करने की मांग कर रहे थे. एसपी दीपक कुमार शुक्ला, एएसपी प्रशांत चौबे, एसडीओपी मनीष राज ने मामले को गंभीरता से लिया.
भगवान की मूर्तियों को देख रहे थे आरोपी
27 सितंबर को मुखबिर से मिली सूचना पर पुलिस ने कार्रवाई की. आरोपियों की पहचान 25 वर्षीय रामसिंह उर्फ रम्मू पिता दुर्जन सौर और 26 वर्षीय राजेन्द्र पिता गोविन्द गौड़ के रूप में हुई है. दोनों सागर के ग्राम बेरखेड़ी निवासी हैं. शुरुआत में आरोपियों ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की. सख्ती से पूछताछ में उन्होंने पठारी के श्री बालाजीधाम हनुमान मंदिर बड़ोह, श्री हनुमान मंदिर बिसलोनी और उदयपुर की माता मंदिर से चोरी करना स्वीकार किया.
ज्वेलर्स की दुकान पर बेचे चोरी के आभूषण
आरोपियों ने बताया कि चोरी के बाद गड़ोला जागीर एवं खुरई में सुनार की दुकान पर कुछ जेवरात बेच दिये थे. गहने को बेचने का काम एक अन्य साथी गब्बर यादव पिता मेहताब यादव ने किया था. जेवरात की बिक्री के बाद सोनार से मिली रकम को तीन हिस्सों में बांट लिया गया. नाम का पता चलने पर पुलिस ने सुनार को भी गिरफ्तार कर लिया. रम्मू उर्फ राम सिंह सौर और राजेंद्र गौड़ की निशानदेही पर कुछ जेवरात बरामद हुए. उन्होंने बताया कि चोरी से पहले मंदिरों की रेकी करते थे. रात में मंदिरों के बंद होने का पता चलने पर जेवरात चोरी की घटना का अंजाम दिया जाता था.
बालाजी धाम से चोरी जेवर
चांदी का मुकुट 1, वजन करीब 1.5 किलोग्राम
चांदी के बाजूबंद 01 जोड़ी
चांदी की 01 माला
बिसलोनी मंदिर से चोरी जेवर
चांदी का मुकुट 01
चांदी की 01 जोड़ी आंखें
चांदी की 01 जोड़ी भौंयें
चांदी का 01 तिलक
महामाया मंदिर उदयपुर से चोरी जेवर
आर्टिफिशियल मुकुट और माला
चांदी के छत्र 6
सोने का मंगलसूत्र 01
चांदी की नथ 01
चांदी की बेंदी 01
ये भी पढ़ें-
'उन्हें हिंदुओं के अपमान का...', CM मोहन यादव का राहुल गांधी पर हमला