Sehore News: सीहोर के कुबेश्वर धाम पर सात दिवसीय आयोजन में पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा व्यवस्थित तरीक से रुद्राक्ष वितरण का दावा किया जा रहा है, लेकिन एक वायरल वीडियो उनके इस दावे का खंडन कर रहा है.वायरल वीडियो में आयोजन समिति की ओर से भारी तादाद में उपस्थित श्रद्धालुओं को फेंककर रुद्राक्ष दिया जा रहा है. रुद्राक्ष पाने के लिए श्रद्धालु अपनी जान जोखिम में डालकर एक दूसरे पर चढ़ते नजर आ रहे हैं.


क्या दावा किया है पंडित प्रदीप मिश्रा ने 


बता दें कि चितावलिया हेमा गांव में 16 फरवरी से 22 फरवरी तक रुद्राक्ष वितरण और शिवमहापुराण कथा का आयोजन चल रहा है.सात दिवसीय समारोह का आज अंतिम दिन है.सात दिवसीय समारोह खासी अव्यवस्थाओं के बीच चला है. कुबेश्वर धाम आए श्रद्धालुओं को भूख-प्यास से तड़पना पड़ा तो वहीं कड़ी धूप व अव्यवस्थाओं की वजह से श्रद्धालुओं की मौत भी हो गई.अव्यवस्थित तरीके से आयोजित समारोह के बाद भी पंडित प्रदीप मिश्रा दावा कर रहे हैं कि आयोजन व्यवस्थित तरीके से हुआ, रुद्राक्ष भी लाईन में लगाकर व्यवस्थित तरीके से दिए गए.






व्यासपीठ से पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि मीडिया के कुछ लोग लगातार उन्हें बदनाम करने के लिए गलत बातें प्रसारित कर रहे हैं. इसमें उन्होंने कहा था कि रुद्राक्ष का वितरण व्यवस्थित तरीके से किया गया है जिसमें भगदड़ जैसी कोई संभावना नहीं थी.यदि थी तो कोई उसके साक्ष्य वीडियो प्रस्तुत करें दुनिया भर का मीडिया यही है. पंडित प्रदीप मिश्रा के इस दावे को एक वायरल वीडियो झूठा साबित कर रहा है.


कब का है वीडियो


जानकारी जुटाते हुए एबीपी न्यूज़ के सीहोर संवाददाता ने एक वीडियो प्राप्त किया है. इसमें यह दिखाई दे रहा है कि विठ्लेश सेवा समिति के सदस्यों के सामने श्रद्धालुओं का हुजूम है.श्रद्धालुओं को वे नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं. स्थिति इतनी अनियंत्रित हो गई है कि उन्हें रुद्राक्ष भी फेंक कर देना पड़ रहा है. इस स्थिति में किसी भी प्रकार की अनहोनी और अमर्यादित स्थिति का सामना श्रद्धालुओं को करना पड़ सकता है.इस बात से बेखबर धाम की सेवा समिति के सदस्य अपने तरीके से ही रुद्राक्ष वितरण करते वीडियो में नजर आ रहे हैं. इसे रूद्राक्ष वितरण समारोह के पहले दिन का वीडियो बताया जा रहा है.एबीपी न्यूज वीडियो के सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करता है. सूत्र वीडियो को 16 फरवरी 2023 का बता रहे हैं. यह वीडियो पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा तथा उनकी समिति द्वारा की गई व्यवस्थाओं की पोल खोलता है.


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