Virendra Kumar Profile: मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ (आरक्षित) सीट से लोकसभा सांसद वीरेंद्र कुमार को रविवार को नरेन्द्र मोदी सरकार में शामिल किया गया. बीजेपी के अनुसूचित जाति के प्रमुख चेहरे और आठ बार के सांसद वीरेंद्र कुमार ने टीकमगढ़ (सुरक्षित) सीट से लगातार चौथी बार जीत दर्ज की है, जिसे 2008 के परिसीमन प्रक्रिया में बनाया गया था. 


इससे पहले, उन्होंने बुंदेलखंड की पड़ोसी सागर लोकसभा सीट का चार बार प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने सागर में साइकिल पंचर रिपेयर की दुकान पर अपने पिता के साथ छोटी उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया था, उसके बाद उन्होंने बाल श्रम विषय में पीएचडी की.


16 महीने रहना पड़ा था जेल में 
उन्हें सितंबर 2017 में पहली बार महिला एवं बाल विकास मंत्री बनाया गया था.  कुमार (70) अपनी साधारण पृष्ठभूमि को नहीं भूलने के लिए जाने जाते हैं और उन्हें अक्सर स्कूटर चलाते और टायर पंचर ठीक करने वालों से बात करते देखा जा सकता है.  आपातकाल के दौरान उन्हें 16 महीने जेल में रहना पड़ा और उन्होंने 'लोकनायक' जयप्रकाश नारायण के 'संपूर्ण क्रांति आंदोलन' में भी हिस्सा लिया.


जेपी आंदोलन में रहे शामिल
बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे डा. वीरेंद्र कुमार 1975 में जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन में शामिल रहे. 1982 से 1984 तक वे बीजेपी युवा मोर्चा के महामंत्री रहे. 1987 में उन्होंने बजरंग दल का जिला मंत्री का पद संभाला. साल 1995 में उन्हें बीजेपी की अनुसूचित जाति मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया.


क्या है शैक्षिक योग्यता 
वीरेंद्र कुमार खटीक ने डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर से अर्थशास्त्र में एम. ए. और बाल श्रम में पी.एच.डी की उपाधि ली है. बचपन से ही RSS के कार्यकर्ता रहे हैं। 1975 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण द्वारा शुरु किए गए संपूर्ण क्रांति आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिए थे. इंदिरा गांधी के समय लगाए गए आपातकाल के विरोध में आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (मीसा) के तहत 16 महीने तक सागर और जबलपुर जेल में बंद रहे. 


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