भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव सपन्न होते ही राज्य निर्वाचन विभाग अब विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गया है. विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में मतदाताओं की वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने की तैयारी राज्य निर्वाचन आयोग करने जा रहा है. इसके लिए बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) और ऑपरेटर्स को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. 


निर्वाचन आयोग क्या क्या करने जा रहा है


निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाताओं के नाम जोड़ने, नाम पर आपत्ति करने, मतदाता के नाम संशोधन करने एवं मतदाता के नाम का स्थानांतरण और विधानसभा क्षेत्र से अन्य विधानसभा क्षेत्र में करने संबंधी प्रयोग में आने वाले निर्धारित फार्म-6, 6ख, 7 एवं 8 में परिवर्तन किया गया है. इसके संबंध में मध्य प्रदेश के जिलेभर में चुनिंदा बीएलओ और ऑपरेटर्स का प्रशिक्षण 20 जुलाई को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के सभाकक्ष में दिया गया है. 


मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता के नाम जोड़ने आदि से संबंधित जिन फार्मों में परिवर्तन किया गया है. उसमें सर्वप्रथम मतदाताओं का आधार नंबर और मोबाइल नम्बर की जानकारी दी जाना थी. वोटर आईडी को अब आधार नंबर से लिंक करने की तैयारी की जा रही है. वोटर आइडी ना केवल प्रामणिक होगी बल्कि एक से अधिक स्थानों पर जो नाम है वह सब हट जाएंगे. 


कब से शुरू होगा वोटर आईडी को आधार से जोड़ने का अभियान


1 अगस्त से अभियान पूरे मध्य प्रदेश में बड़े स्तर पर शुरू हो रहा है. बीएलओ घर-घर जाकर जानकारी जुटाएंगें और मतदाता खुद अपना आधार वोटर आईडी से आनलाईन आधार अपडेशन भी कर सकते हैं. यह अभियान 31 मार्च 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा. हालांकि निर्वाचन आयोग ने इसे स्वैच्छिक रखा है. उपस्थित बीएलओ और ऑपरेटर्स को नवीन संशोधित फार्मों के संबंध में आयोग द्वारा बनाए गए एसओपी के तहत प्रारूप 6 के 60, 6 ख के 60, 7 के 60 एवं 8 के 120 फार्मों का डेमो सॉफ्टवेयर में एन्ट्री कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. यह प्रशिक्षण दो दिवसीय होगा.


प्रशिक्षण में शामिल सभी बीएलओ से अपेक्षा की गई कि वे अपने मतदान क्षेत्र के सभी मतदाताओं से संपर्क कर फार्म 6ख में जानकारी एकत्रित करें. इसके साथ ही अन्य फार्मों में जो परिवर्तन किए गए हैं, उसकी जानकारी सभी मतदाताओं को देने का प्रयास करें. यह अभियान एक अगस्त से प्रारंभ किया जाएगा. इस संबंध में पूर्ण तैयारी करने के निर्देश उपस्थित अधिकारियों को दिए गए हैं. यह भी जानकारी दी गई कि इस संबंध में सभी उप जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ भोपाल में मीटिंग की जाएगी. साथ ही सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस से भी चर्चा की जाएगी.


अनुपम राजन ने यह भी बताया है मतदाता अपना आधार नंबर किसी कारण बस नहीं बता पाए तो वह राशन कार्ड वोटर आईडी मार्कशीट सहित 11 वैकल्पिक दस्तावेज में से किसी एक को मान्य किया जाएगा.


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