मध्य प्रदेश के चर्चित व्यापम घोटाले के तीन आरोपियों को सीबीआई की विशेष कोर्ट से पांच-पांच साल कैद की सजा मिली है. दोषियों पर आठ हजार रुपये जुर्माना भी किया गया है. अभियोजन के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद व्यापम घोटाले से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए इंदौर में विशेष न्यायालय का गठन किया गया था. सीबीआई के अधिवक्ता रंजन शर्मा ने बताया कि इंदौर के फरियादी डॉक्टर हेमन्त कंसल ने अपने पुत्र ईशान कंसल को वर्ष 2011 में पीएमटी के माध्यम से मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए पटना निवासी आरोपी सेतु राज और सौरव कुमार सिंह के साथ झारखंड निवासी उमेश श्रीवास्तव और उत्तर प्रदेश निवासी प्रवीण सिंह को 13 लाख रुपय दिए थे. आरोपियों ने पीएमटी के माध्यम से मेडिकल कॉलेज में दाखिले के झांसा देकर डॉ कंसल से यह रकम ऐंठी थी. लेकिन उनके बेटे का पीएमटी के माध्यम से सलेक्शन नहीं हुआ.


सीबीआई जांच का मिला था आदेश


सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार इस मामले को 2015 में व्यापम का प्रकरण मानते हुए सीबीआई जांच को दे दिया गया था. सीबीआई ने मामले की जांच कर पूरक चार्जशीट पेश किया. विशेष CBI कोर्ट न्यायाधीश संजय कुमार गुप्ता इंदौर ने दोष सिद्ध होने पर आरोपी सौरव कुमार सिंह,उमेश श्रीवास्तव और प्रवीण सिंह को धारा 420 में 3 साल की सजा और 2 हजार रुपये अर्थ दण्ड, धारा 447 में 5 वर्ष के कारवास और 2 हजार रुपये अर्थ दंड,धारा 468 में 3 वर्ष के कारावास और 2 हजार रुपये अर्थ दंड, धारा 471 में 3 वर्ष के कारवास और 2 हजार रुपये अर्थ दंड की सज़ा सुनाई गई. चौथे आरोपी सेतु राज के फरार होने के कारण उसके खिलाफ स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया.


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