व्यापमं घोटाले का खुलासा करने वाले आनंद राय कांग्रेस में शामिल, जानें क्या बोले PCC चीफ जीतू पटवारी?
Anand Rai Joins Congress: मध्य प्रदेश में व्यापमं घोटाले के व्हिसल ब्लोअर डॉ. आनंद राय आज कांग्रेस में शामिल हुए हैं. पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने उनका स्वागत किया.
Anand Rai Joins Congress: मध्य प्रदेश में व्यापमं घोटाले के व्हिसल ब्लोअर एवं आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. आनंद राय ने आज कांग्रेस का दामन थामा है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई. इस दौरान प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा भी मौजूद रहे. बता दें कि डॉ. आनंद राय व्यापमं मामले के व्हिसलब्लोअर हैं. वे आदिवासी संगठन जयस (जय युवा आदिवासी संगठन) में भी काम कर चुके हैं.
डॉ. आनंद राय के कांग्रेस में शामिल होने पर जीतू पटवारी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि व्यापमंं केस में बीजेपी का पर्दाफाश करने वाले व्हिसल ब्लोअर आनंद राय आज कांग्रेस पार्टी की विचारधारा से जुड़कर हमारे साथ आए हैं. उनके साहस और सत्य की लड़ाई में योगदान के लिए हम उनका हार्दिक स्वागत करते हैं. साथ मिलकर हम भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष को और भी मजबूत करेंगे.
व्यापम केस में भाजपा का पर्दाफाश करने वाले विसल ब्लोअर श्री आनंद राय जी आज कांग्रेस पार्टी की विचारधारा से जुड़कर हमारे साथ आए हैं। उनके साहस और सत्य की लड़ाई में योगदान के लिए हम उनका हार्दिक स्वागत करते हैं। साथ मिलकर हम भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष को और भी मजबूत करेंगे।… pic.twitter.com/fydqtVbLTT
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) October 19, 2024
सरकारी नौकरी से आनंद राय को किया गया था बर्खास्त
पिछले साल डॉ. आनंद राय को सरकारी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था. वे नेत्र रोग विशेषज्ञ थे और हुकुमचंद चिकित्सालय इंदौर में कार्यरत थे. उनके ऊपर सरकारी योजनाओं और नीतियों की सोशल मीडिया पर आलोचना करने के आरोप लगे थे. इसके बाद उन्होंने जय युवा आदिवासी संगठन का दामन भी थामा था.
नवंबर 2022 में तत्कालीन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के उप सचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम के खिलाफ कथित अपमानजनक फेसबुक पोस्ट करने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था. उनके ऊपर एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई भी की गई थी.
वहीं इससे पहले 2015 में आनंद राय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसमें डॉ. राय ने मंत्री वर्मा पर अपनी बेटी का भोपाल के मेडिकल कॉलेज में तबादला करने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था. जिसके बाद राय का तबादला इंदौर से धार कर दिया गया था. इस फैसले को उन्होंने अदालत में भी चुनौती दी थी.
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