Madhya Pradesh News: व्यापमं के चर्चित मामले के व्हिसल ब्लोअर डॉक्टर आनंद राय को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. दरअसल खुद पर दर्ज एफआईआर को निरस्त करने के लिए आनंद राय द्वारा दायर याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश को भी निरस्त किया है, जिस पर आनंद राय के खिलाफ किसी प्रकार की कार्यवाही ना करने का आदेश था.


आनंद राय ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था 
बता दें कि मध्य प्रदेश टीईटी के प्रश्नपत्र का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल होने के मामले में आनंद राय के खिलाफ भोपाल के आजाक थाने में एफआईआर दर्ज किया गया था. एमपी टीईटी के प्रश्नपत्र के सोशल मीडिया पर वायरल स्क्रीनशॉट में लक्ष्मण सिंह का नाम दिख रहा था. इस स्क्रीन शॉट को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए आनंद राय ने सवाल किया था कि लक्ष्मण सिंह आखिर कौन है? 


आनंद राय और कांग्रेस नेता के के मिश्रा के खिलाफ केस दर्ज
इसके बाद सीएम ऑफिस में उप सचिव के पद पर तैनात लक्ष्मण सिंह मरकाम ने आनंद राय और कांग्रेस नेता के के मिश्रा के खिलाफ भोपाल के अजाक थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी. दोनों के खिलाफ अनुसूचित जनजाति निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.


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आनंद राय ने किसी का अपमान नहीं किया है 
इस मामले को अनुचित करार देते हुए आनंद राय की ओर से निरस्त करने की मांग याचिका के माध्यम से की गई थी. सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, पूर्व महाधिवक्ता शशांक शेखर ने कोर्ट को बताया था कि उक्त पोस्ट सागर के एक निजी कॉलेज से वायरल हुई थी और आवेदक यानी डॉ आनंद राय ने अपनी पोस्ट में किसी का अपमान नहीं किया और ना ही जातिगत आधार पर कुछ कहा है.


लंबी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पाया कि पहली नजर में केस बनता है और उसमें विस्तार से जांच की जरुरत है. इस टिप्पणी के साथ हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता आनंद राय की अग्रिम जमानत और केस खारिज करने की याचिका को खारिज कर दिया. हालांकि हाईकोर्ट ने अनुमति दी है कि आनंद राय अग्रिम जमानत और केस खारिज करने के लिए अलग से याचिका दायर कर सकते हैं.


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