Singrauli Neem Tree: एमपी (MP) के सिंगरौली (Singrauli) जिले के निगाही (Nigahi) में नीम के पेड़ से शनिवार की सुबह अचानक दूधिया पदार्थ निकलने लगा. ऐसे में लोग ने इसे शीतला माता (Sheetla Mata) का चमत्कार मानकर पूजा-अर्चना शुरू कर दिया. देखते ही देखते यहां सैकड़ों की तादात में भीड़ जमा हो गई. इसे हर व्यक्ति शीतला माता का चमत्कार समझ रहा है. इस दुधिया पदार्थ को कई लोग बर्तन में भरकर ले जा रहे हैं. दुधिया पदार्थ को हर रोग की दवा भी कहा जा रहा है.


जैसे ही लोगों के बीच यह खबर पहुंच रही है. वैसे ही वह दूर-दराज से भी नीम के पेड़ के नीचे पूजा-अर्चना के लिए पहुंचने लगे हैं. हालांकि, जिस तरह से सिंगरौली जिले निगाही इलाके में नीम के पेड़ से दूध निकल रहा है, उसे देखकर हर कोई हैरान है. लोग इसे दैविक चमत्कार मान कर आस्था से जोड़ रहे हैं. पेड़ के ऊपर की टहनी से निकलकर तना के सहारे यह पदार्थ जमीन पर काफी मात्रा में जमा हो रहा है. इसकी जानकारी लगते ही मौके पर ग्रामीणों की काफी भीड़ इकट्ठा हो गई.



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नीम के पेड़ की आराधना में जुटे लोग


लोग इसे आस्था से जोड़कर देखने लगे और पेड़ से निकल रहे पदार्थ को दूध समझकर पूजा-पाठ शुरु कर दिया है. कोई नीम के पेड़ की आराधना में जुट गया तो कोई शीतला मैया मानकर उसकी परिक्रमा कर रहा था. एनसीएल निगाही कॉलोनी के अंदर लगे हुए इस नीम के पेड़ से दूधिया पदार्थ निकलने की खबर मिलते ही वहां पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा. पल भर में ही नीम का पेड़ आस्था का केंद्र बन गया. क्या बूढ़े, क्या बच्चे, क्या जवान और क्या महिलाएं, सभी पूजा-पाठ में मशगूल थे. स्कूल के बच्चे, शिक्षक और शिक्षिकाएं भी आस्था के इस समुंदर में गोते लगाने लगे.


लोग बोले- पिछले दिनों यहां हुआ था माता शीतला का जगराता


स्थानीय लोग धूप, अगरबत्ती और फूल माला लेकर माता शीतला की आराधना करने में जुट गए. स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले दिनों यहां पर माता शीतला का जगराता हुआ था और पूरी श्रद्धा के साथ लोगों ने मां शीतला का आह्वान किया था. शायद यही वजह है कि मां शीतला प्रसन्न हुई हैं और इस नीम के पेड़ में प्रकट होकर लोगों का कल्याण करने के लिए आई हैं. अब इसे माता शीतला का चमत्कार कहें या फिर कोई भौतिक प्रक्रिया, लेकिन स्थानीय लोग यहां पर इसे मां भगवती का प्राकट्य मान रहे हैं. जानकार मानते हैं कि पेड़ों में इस तरह की चीजें अक्सर देखने में मिलती हैं, लेकिन श्रद्धा है कि इसे चमत्कार के अलावा कुछ भी मानने को तैयार नहीं है.