Sehore water theft: मध्य प्रदेश के सीहोर में तालाब के पानी से खेतों में सिंचाई हो रही है, जबकि ये तालाब पीने के पानी का स्त्रोत है. लेकिन यहां से सिंचाई के लिए पानी लिया जाने लगा है. इस चोरी को समय पर नहीं रोका गया तो फिर गर्मी के दिनों में लोगों को पीने के लिए भी पानी नहीं उपलब्ध हो सकेगा. यही स्थिति सीहोर काहिरी बंधान और सीवन नदी की भी है.
शहर के लिए जमुनिया और भगवानपुरा तालाबों से पानी सप्लाई किया जाता है. इसके अलावा पार्वती नदी की काहिरी बंधान से पानी सप्लाई किया जाता है. गर्मी के मौसम में यहां पर पानी बचता ही नहीं है जबकि यहां पर दो बंधान बना दिए गए हैं लेकिन इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है. इसका प्रमुख कारण यह है कि हर साल नदी के उस पार से पानी की चोरी होती रहती है पर इसे कोई रोकता नहीं है. गर्मी का मौसम जब तक शुरू होता है तब तक पानी खत्म हो जाता है इसलिए बंधान का शहर को फायदा ही नहीं मिल पाता.
शाजापुर की तरफ से होती है पानी की चोरी
हर साल का शायरी बंधान पर भी शाजापुर की तरफ से पानी की चोरी होती है, जिसे सीहोर का अमला नहीं रोक पाता है क्योंकि ये जिले की सीमा के उस पार का मामला है. नदी के उस पार शाजापुर की सीमा है, जहां से खुलेआम पानी की चोरी की जाती है. सिंचाई के लिए उस तरफ जगह-जगह मोटर पंप लगे रहते हैं. उस तरफ जिले का अमला कार्रवाई नहीं कर सकता और यही कारण है कि खुलेआम चोरी होती रहती है. इसकी वजह से बंधान का जलस्तर कम होता चला जाता है.
एसडीएम बोलें- निरीक्षण करने के बाद होगी कार्रवाई
सीहोर शहर के लिए जमुनिया तालाब से 40 और भगवानपुरा तालाब से 20 लाख लीटर पानी सप्लाई के लिए लिया जाता है. इसी तरह काहिरी बंधान से 60 लाख लीटर पानी लिया जाता है. सीहोर के एसडीएम ब्रजेश सक्सेना का कहना है कि वे खुद मौके पर जाकर इसका निरीक्षण करेंगे और पानी की चोरी हो रही है तो कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग को निर्देशित किया जाएगा कि इस मामले में कार्रवाई करे.
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