मध्य प्रदेश: दिग्विजय-कमलनाथ की घेराबंदी, सिंधिया के समर्थकों को टिकट; बीजेपी उम्मीदवारों की सूची में नया क्या है?
बीजेपी की रणनीति कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को अपनी सीटों पर ही समेट देने की है, जिससे चुनाव के दौरान बड़े नेता क्षेत्र से बाहर न जा पाएं. पार्टी ने मध्य प्रदेश की सभी सीटों को 4 कैटेगरी में बांटा है.
भारतीय जनता पार्टी ने चुनावी परंपरा को तोड़ते हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 39 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. पार्टी ने उन्हीं सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की है, जहां पिछले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था.
बीजेपी ने उम्मीदवारों की पहली सूची में कई प्रयोग भी किए हैं. मजिस्ट्रेट की नौकरी छोड़ राजनीति में आए प्रकाश उइके को पांढुर्णा से टिकट दिया है. बीजेपी ने दिग्विजय और कमलनाथ के खिलाफ टिकट वितरण में मजबूत मोर्चेबंदी की है.
बीजेपी ने दिग्विजय के भाई लक्ष्मण सिंह के परंपरागत सीट चाचौड़ा से महिला युवा नेता प्रियंका मीणा को उम्मीदवार बनाया है. 2013 को छोड़ दे तो 1993 से इस सीट पर लगातार दिग्विजय समर्थक जीतते रहे हैं.
इसी तरह कमलनाथ के करीबी सुरेंद्र हनी बघेल और कांतिलाल भूरिया की सीट पर भी युवा उम्मीदवार को तरजीह दी है. बीजेपी की लिस्ट में सिंधिया समर्थकों को भी खासी जगह दी गई है.
सुमावली से एदल सिंह कंसाना को फिर से उम्मीदवार बनाया गया है. कंसाना सिंधिया के साथ 2020 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे. चंदेरी से उम्मीदवार बनाए गए जगन्नाथ सिंह रघुवंशी भी सिंधिया के समर्थक हैं.
2 महीने पहले ही बड़े नेताओं की घेराबंदी की
बीजेपी ने कांग्रेस के कद्दावर नेता सुखदेव पांसे, हिना कांवरे, जीतू पटवारी, सज्जन वर्मा, सुरेंद्र बघेल हनी, आरिफ अकील, आरिफ मसूद, विजय लक्ष्मी साधौ, सचिन यादव, कांतिलाल भूरिया, नर्मदा प्रजापती, केपी सिंह और लखन घनघोरिया के खिलाफ उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है.
कांतिलाल भूरिया कांग्रेस प्रचार समिति के चेयरमैन हैं. जीतू पटवारी, सज्जन वर्मा और विजय लक्ष्मी साधौ के कंधों पर चुनाव में रणनीति तैयार करने की जिम्मेदारी है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि 2 महीने पहले इन नेताओं के खिलाफ उम्मीदवार उतारकर बीजेपी ने घेराबंदी की कोशिश की है.
बीजेपी की रणनीति कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को अपनी सीटों पर ही समेट देने की है, जिससे चुनाव के दौरान बड़े नेता क्षेत्र से बाहर न जा पाएं. पार्टी ने मध्य प्रदेश की सभी सीटों को 4 कैटेगरी में बांटा है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक सबसे अंत में उन सीटों पर टिकट का ऐलान होगा, जहां बीजेपी को पिछले 3 चुनावों में हार नहीं मिली है.
कांग्रेस के भीतर भी टिकट को लेकर हलचल तेज
बीजेपी की पहली सूची जारी होने के बाद कांग्रेस में भी टिकट को लेकर हलचल तेज हो गई है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पहले सिंतबर तक पहली सूची जारी करने की तैयारी थी, लेकिन अब कुछ नाम अगस्त के अंत तक जारी करने की रणनीति पर काम हो रही है.
बीजेपी की पहली सूची जारी होने के तुरंत बाद कांग्रेस ने बतौर प्रभारी रणदीप सुरजेवाला की मध्य प्रदेश में तैनाती की. सुरजेवाला कर्नाटक जीत के अहम शिल्पकार माने जाते हैं और टिकट वितरण में बड़ी भूमिका निभाई थी.
बड़े नेताओं के साथ जल्द ही सुरजेवाला मीटिंग कर एक लिस्ट दिल्ली भेज सकते हैं, जहां नामों पर फाइनल मुहर लगेगी.
बीजेपी की पहली सूची में नया क्या है?
- बीजेपी कैंडिडेट लिस्ट में परिवारवाद को भी जगह दी गई है. 6 नेता पुत्र और एक नेता पुत्री को टिकट दिया गया है. बीजेपी ने भोपाल मध्य, भैंसदेही, बरगी, बड़वारा, महराजपुर और बंडा सीट से नेता पुत्र को उम्मीदवार बनाया है. पेटलावाद से दिवंगत नेता दिलीप भूरिया की बेटी निर्मला को भी टिकट मिला है.
- बीजेपी की पहली सूची में लॉबीबाजी को भी ध्यान में रखा गया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया कोटे से 2, रंजना बघेल कोटे से 1, प्रह्लाद पटेल कोटे से 1, उमा भारती कोटे से 1 और सत्यनारायण जटिया गुट से 1 नेता पहली सूची में जगह दी गई है.
- पथरिया, गोहद, चित्रकूट, घटिया, छत्तरपुर, शहपुरा, भैंसेदेही, पेटलावाल और धरमपुरी ये वो 9 सीटें हैं, जहां बीजेपी 2013 में चुनाव जीती थी, लेकिन 2018 में हार गई. इन सभी 8 सीटों पर 2013 वाले प्रत्याशियों को ही मैदान में उतार दिया गया है.
- पिछोर और कसरावद में लगातार 2 बार हार चुके उम्मीदवार पर ही बीजेपी ने भरोसा जताया है. पिछोर से प्रीतम लोधी और कसरावद से आत्माराम पटेल को उम्मीदवरा बनाया गया है. प्रीतम लोधी को उमा भारती का करीबी माना जाता है.
- बिछिया सीट के प्रत्याशी टिकट घोषणा के वक्त बीजेपी में आधिकारिक रूप से शामिल नहीं थे. टिकट ऐलान के बाद आनन-फानन में उन्हें पार्टी में शामिल कराया गया. बिछिया से डॉ. विजय आनंद मरावी को बीजेपी ने टिकट दिया है. मरावी जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में अधीक्षक पद पर पदस्थ थे.
- बीजेपी ने 2 राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी को विधानसभा का उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी एससी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य को गोहद से तो बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव ओम प्रकाश धुर्वे को शहपुरा से टिकट मिला है. दोनों शिवराज सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.
- 2018 के चुनाव में भोपाल उत्तर एकमात्र सीट थी, जिस पर बीजेपी ने मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे. इस बार बीजेपी ने यहां से आलोक शर्मा को प्रत्याशी बनाया है. शर्मा 2008 में भी भोपाल उत्तर सीट से चुनाव लड़ चुके हैं.
- 2018 के चुनाव में सबलगढ़ सीट पर विजेंद्र रावत तीसरे नंबर पर रही थी, लेकिन हाईकमान ने उन पर फिर से भरोसा जताया है. यह सीट रावत बहुल इलाका है. यहां से कांग्रेस के बैजनाथ कुशवाहा विधायक हैं.
- चंदेरी सीट से उम्मीदवार बनाए गए जगन्नाथ रघुवंशी सबसे अधिक उम्र (75 साल) के प्रत्याशी हैं. पुष्पराजगढ़ से उम्मीदवार बनाए गए हीरा सिंह श्याम की उम्र सबसे कम (31 साल) है. चाचौड़ा कैंडिडेट प्रियंका मीणा की उम्र 32 साल है.
- जिन 39 सीटों पर बीजेपी ने उम्मीदवार घोषित किए हैं, उनमें से 7 एससी के लिए और 13 एसटी के लिए रिजर्व है. सभी 39 सीटों पर 2018 में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था.
- 2020 के उपचुनाव में सिंधिया समर्थकों को टिकट देने के बाद भी बीजेपी सुमावली और गोहद सीट पर चुनाव हार गई थीं. सुमावली से सिंधिया समर्थक एदल सिंह कंसाना फिर से उम्मीदवार बनने में कामयाब रहे, लेकिन गोहद से रनवीर जाटव का पत्ता काट दिया गया है.
- पूर्व विधायक और इंदौर के दिग्गज नेता राजेश सोनकर का दावा सांवेर सीट पर था, लेकिन सिंधिया के विरोध की वजह से उन्हें बगल की सोनकच्छ सीट पर शिफ्ट कर दिया गया है. यहां से कांग्रेस के सज्जन सिंह वर्मा विधायक हैं.
- AAP से आए राजकुमार कर्राहे को एक दिन के भीतर ही लांजी सीट से बीजेपी ने टिकट थमा दिया है. यहां से विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष हिना कांवरे विधायक हैं.
- शहपुरा से उम्मीदवार बनाए गए ओम प्रकाश धुर्वे ने खुद की सीट बदल देने की मांग की है. धुर्वे ने कहा है कि मुझे डिंडौरी सीट से चुनाव लड़ना है. छत्तरपुर सीट पर ललिता यादव को टिकट देने का विरोध शुरू हो गया है. पूर्व प्रत्याशी अर्चना सिंह के समर्थकों ने विरोध किया है.